कमालगंज (फर्रुखाबाद) : नगर पंचायत कमालगंज क्षेत्र में 2003 में डूडा विभाग से 33 लाख 60 हजार की लागत से बनाये गये आवास निर्जन पड़े.पड़े खण्डहर हो गये। लेकिन आज तक किसी भी बेघर या लाभार्थी को हस्तांतरित नहीं किये जा सके। जिससे लाखों की रकम से बनाये गये आवासों के खिड़की दरबाजे तक गल चुके हैं। वर्तमान में यह आवास जंगली जानवरों व बदमाशों के अड्डा बने हुए हैं।
जानकारी के अनुसार 2003 में डूडा विभाग द्वारा 84 आवास बनवाये गये थे। जिनमें 64 आवास बिलकुल जंगल में नलकूप संख्या 3 मैन रोड पर बनाये गये थे व 30 आवास नलकूप संख्या दो पर बनाये गये थे। आवासों के लिए कुल 33 लाख 60 हजार का बजट पास किया गया था। जोकि ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया गया था। लेकिन आज तक आवासों को कम्पलीट नहीं किया गया। आवासों में निर्माण के समय न तो शौचालय बनवाये गये और न ही पानी की कोई व्यवस्था की गयी। पानी व शौचालय की व्यवस्था न होने से डूडा द्वारा किसी भी लाभार्थी को यह आवास आवंटित नहीं किये जा सके।
प्रशासन द्वारा एक स्कीम के तहत विज्ञापन जारी किया गया था कि अब पांच.पांच हजार रुपये डूडा विभाग जमा करवाकर लाभार्थियों को आवास आवंटित कर दिये जायेंगे। जिससे 33 लाभार्थियों ने पांच.पांच हजार रुपये भी जमा कर दिये। लेकिन आज तक आवास रहने लायक न हो पाने के कारण उनमें कोई भी रहने के लिए नहीं गया।
वर्तमान में आवासों की यह हालत है कि यहां पर शाम होते ही भारी संख्या में बंदर, कुत्ता, बिल्ली व अन्य जंगली जानवर रैन बसेरा कर लेते हैं। इतना ही नहीं ये आवास बदमाशों व चोर उचक्कों का अड्डा भी बना हुआ है। आवासों के खिड़की दरबाजे इत्यादि अराजकतत्वों द्वारा उखाड़ लिये गये। जिससे आवास बिलकुल खण्डहर में तब्दील हो चुके हैं। आज तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों ने इन बाम्बे आवासों की तरफ ध्यान नहीं दिया है। अब इन आवासों को पुनः निर्माण नहीं कराया गया तो इनमें अब शायद कभी भी कोई रहने के लिए नहीं जायेगा।