थानेदार की चूक के कारण हुआ पुलिस पर पथराव, एस ओ घायल

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फर्रुखाबाद: मऊदरवाजा थानाध्यक्ष घटना होने के तकरीबन एक घंटे बाद मौके पर पहुंचे। इससे पहले रायपुर चौकी का एक सिपाही ही मौके पर मौजूद था। जिसने सूचना थाने में दी। तकरीबन एक घंटे बाद पहुंचे पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थानाध्यक्ष मऊदरवाजा हरपाल सिंह यादव पूरी तरह से खिसिआहट दिखाते हुए गाड़ी से उतरे और उतरते ही साथी सिपाहियों को लाठी चार्ज करने का आदेश दे दिया। जिससे गुस्साये प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। जिसमें थानाध्यक्ष हरपाल यादव के अलावा दो अन्य सिपाही भी घायल हो गये।

घटना के होते ही मौके पर तकरीबन कई सैकड़ा आदमी इकट्ठा हो गया और हो हल्ला शुरू कर दिया। तब तक मऊदरवाजा थाना प्रभारी हरपाल सिंह यादव फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और गाड़ी से उतरते ही उन्होंने पहले जाम लगाये लोगों की समस्या सुनना मुनासिब नहीं समझा और पुलिसिया गाली देते हुए सिपाहियों को प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजने का आदेश दे दिया। थानाध्यक्ष के इस रवैये को देखकर मौके पर मौजूद लोग दंग रह गये। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तकरीबन एक घंटे तक लाठी चार्ज और पथराव की स्थिति बनी रही। जिसमें सिपाही रामेन्द्र सिंह चौहान, एसओ हमराही रमाकांत तिवारी भी पथराव में चुटहिल हो गये। जबकि थानाध्यक्ष के सीधे पैर में पत्थर लगने से पैर खूना खच्चड़ हो गया। पथराव होते ही पुलिस आक्रोषित हो गयी और उसने भीड़ को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जो जहां पर पकड़ में आ गया। उसको वहीं गिराकर जमकर धुनाई कर दी। एसओ के ड्राइवर रामसेवक ने गाड़ी से दौड़ाकर लोगों को खदेड़ा।

लाठी चार्ज में कई युवक भी चुटहिल हुए। स्थिति को देखते हुए अगर थानाध्यक्ष घटना पर पहुंचने के बाद भीड़ के साथ सहानुभूति दिखाकर कार्य करते तो शायद मामला सस्ते में निबट जाता। लेकिन थानाध्यक्ष के उग्र रूप को देखकर पब्लिक व पुलिस एक दूसरे की जान की दुश्मन बन गयी।

पुलिस ने तानी प्रदर्शनकारियों पर बंदूक
आक्रोषित पुलिस पहले तो प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटती रही बाद में जब स्थिति कन्ट्रोल से बाहर हुई तो सिपाहियों ने भी लाठीचार्ज के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों पर पथराव शुरू कर दिया। दोनो तरफ से हो रहे पथराव से क्षेत्र में दहशत बन गयी। आपा खो चुके पुलिस के सिपाही रमाकांत तिवारी ने थानाध्यक्ष के निर्देश पर प्रदर्शनकारियों की तरफ बंदूक की नली तान दी। जिससे प्रदर्शनकारियों में हड़कंप मच गया। कई घंटे चले पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष को देर शाम समझा बुझाकर ही शांत किया जा सका।