राष्ट्रपति चुनाव में फिर दोहराया जायेगा 1969 का इतिहास

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राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पीए संगमा ने कहा है कि इस बार के चुनाव में 1969 का इतिहास दोहराया जायेगा। तब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वीवी गिरी चुनाव जीते थे, ठीक उसी तर्ज पर इस बार चुनाव में भी परिणाम आयेंगे। संगमा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों तथा विधायकों से राष्ट्रपति चुनाव में अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव राजनीतिक दलों के आधार पर नहीं होता है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि राष्ट्रपति चुनाव में सांसद व विधायक अपनी अंतरआत्मा के आवाज पर ही मतदान करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों का व्हीप लागू नही होता और मतदान गोपनीय होता है।

संगामा लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए सत्ता का दुरूपयोग कर रहा है। किसी को जांच एजेन्सी का डर दिखाया जा रहा है तो किसी को पैकेज का प्रलोभन दिया जा रहा है। संगमा ने देश में बेलगाम महंगाई, रूपए की गिरती कीमत, भ्रष्टाचार के लिए वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी को ही एक बार फिर जि मेदार ठहराया। सवालों का जवाब देते हुए उन्होने कहा कि वह प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों से वोट देने की अपील करने आया हूं। उन्होंने कहा प्रणव मुखर्जी कांग्रेस के उ मीदवार नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है और वह भी मेरी तरह निर्दलीय उ मीदवार हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने आदिवासी कार्ड क्यों खेला, इस पर संगमा ने कहा कि 65 साल में देश में अगड़ा, पिछड़ा, मुसलमान, सिक्ख सभी राश्ट्रपति बने लेकिन अब तक एक भी आदिवासी इस पर नहीं बैठा। उन्होंने कहा कि देश का राष्ट्रपति रबर स्टैंप नहीं होना चाहिए, उसे हर विषय में भूमिका निभानी चाहिए। संगमा ने दोहराते हुए कहा कि वह आज भी विदेशी मूल के मुद्दे पर कायम हैं। संगमा के साथ कांग्रेस के बागी नेता एवं चुनाव प्रचार अभियान समिति के मुखिया अरविन्द नेताम के अलावा प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।