न शिक्षा न भोजन:- स्कूल चलो अभियान कागजो पर, मिड डे मील में फर्जीवाड़े का अम्बार

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फर्रुखाबाद: कतिपय पूरे प्रदेश में यह स्थिति हो सकती है मगर इससे कोई गुनाह कम नहीं हो जाता| फर्रुखाबाद जनपद में कागजो पर चलता है स्कूल चलो अभियान| सत्र के पहले दिन बच्चे विहीन स्कूल अभियान को मुह चिड़ा रहे है और मिड डे मील के ठन्डे पड़े चूल्हे मध्याह भोजन योजना के फर्जीवाड़े की जमकर तारीफ कर रहे है| बेसिक शिक्षा फर्रुखाबाद में मास्टरों की तैनाती का ऐसा मकडजाल फैलाया गया है कि भगवान् भी फस जाए| मिड डे मील की सरकारी वेबसाईट पर अंकित सैकड़ो शिक्षक सालो पहले तबादले पर चले गए तो कुछ रिटायर हो गए| मगर इनके रिकॉर्ड में अभी भी लगे हैं| वेतन विभाग में शिक्षक कहीं वेतन ले रहे है तो कहीं तैनात है| गायब रहने वाले शिक्षको के बारे में रिपोर्ट कुछ है नहीं| अब स्वामी जी की निगाहें लगी है हो सकता है कुछ बेडा पार हो जाए वर्ना तो ये विभाग भ्रष्टाचार का बहता दरिया है कई साहब आये और उसमे गोता लगाकर चले गए|

विकासखण्ड शमशाबाद क्षेत्र के प्राइमरी विद्यालय कुइयां संत में अरुना रानी उपस्थित मिलीं। जिन्होंने बताया कि विद्यालय में कुल 140 बच्चे पंजीकृत हैं। जिनमें से मात्र 12 बच्चे ही उपस्थित मिले। रसोइया गुड्डीदेवी ने बताया कि आज पहले दिन राशन न होने की बजह से मध्यान्ह भोजन नहीं बन पाया।

प्राइमरी पाठशाला अद्दूपुर में कुल 111 बच्चे हैं। जिनमें सात बच्चे ही उपस्थित हुए। यहां पर शशी कनौजिया इंचार्ज प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक संदीप कुमार, रचना शर्मा, शिक्षा मित्र कीर्ती गंगवार उपस्थित मिले। लेकिन मिड डे मील नहीं बना। रसोइया विमलादेवी, नन्हींदेवी, आशादेवी मिड डे मील के नाम पर उपस्थित तक नहीं हुईं। रसोई में ताला पड़ा था। पूछने पर बताया कि अभी राशन इत्यादि की व्यवस्था नहीं हुई है। इससे मिड डे मील नहीं बनाया जा सका।

विकासखण्ड बढ़पुर क्षेत्र के ग्राम सोता बहादुरपुर में सहायक अध्यापक अनीता यादव, प्रियंका शुक्ला, रीतू पाल विद्यालय में बैठे मिले। गांव के ही निवासी शिक्षामित्र नीरज प्रताप सिंह विद्यालय नहीं आये। विद्यालय में बच्चों के नाम पर कोई भी झांकने तक नहीं आया। मिड डे मील न ही बना और न ही रसोइया आये। आंगनबाड़ी केन्द्र तो खुला तक नहीं।

प्राइमरी विद्यालय कटरी सोता बहादुरपुर में प्रधानाध्यापक सरला शुक्ला, सहायक अध्यापक सुषमा, शिक्षामित्र पवन शुक्ला मौजूद मिले। विद्यालय में मात्र 6 बच्चे ही पढ़ने के लिए आये।

प्राथमिक विद्यालय अमेठी में प्रधानाध्यापक ऊषा द्विवेदी, सहायक अध्यापक नूतन गर्ग, आरती दिवाकर, शिक्षामित्र संगीता शाक्य विद्यालय में उपस्थित मिलीं। स्कूल में मिड डे मील के नाम पर वर्तन वासे पड़े रहे। रसोइये पहले ही दिन विद्यालय नहीं पहुंचे।

प्राथमिक विद्यालय नोनमगंज में प्रधानाध्यापक अतर सिंह, सहायक अध्यापक रेनू कश्यप, रवातुफेल, शिक्षामित्र किरनवाला मौजूद मिलीं। विद्यालय में पढ़ने के नाम पर कोई भी बच्चा मौजूद नहीं मिला और न ही मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की गयी।

प्राथमिक विद्यालय मसेनी में प्रधानाध्यापक अंजू कटियार, सहायक अध्यापक मीनाक्षी द्विवेदी, सुमनलता विद्यालय में मौजूद मिले। गांव की ही निवासी शिक्षामित्र आशारानी पहले ही दिन विद्यालय से गायब रहीं। प्रथम दिन कोई भी बच्चा पढ़ने के लिए नहीं आया। विद्यालय में मध्यान्ह भोजन भी नहीं बनवाया गया।

विकासखण्ड मोहम्मदाबाद के प्राथमिक विद्यालय वनपोई की हालत तो यह है कि यहां पर किसी भी अध्यापक की स्थाई तौर पर तैनाती नहीं की गयी है। एक मात्र सहायक अध्यापिका प्रिया गुप्ता की दो जगह तैनाती है। प्रिया गुप्ता अधिकांश दिनों में किसी भी विद्यालय में नहीं आती है। इनकी प्राथमिक विद्यालय वनपोई व प्राथमिक विद्यालय ज्यौंता में तैनाती की गयी है। एसडीआई वेदप्रकाश यादव से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रिया गुप्ता की मूल तैनाती प्राथमिक विद्यालय ज्यौंता में है।जो भी हो प्राथमिक विद्यालय वनपोई शिक्षक विहीन बना हुआ है। यहां पर कोई भी स्थाई शिक्षक नहीं है।

जनपद में प्राथमिक शिक्षा की यह तो वानगी मात्र है, एसा ही हाल अधिकांश स्कूलों का है जहां शिक्षक हैं तो छात्र नहीं हैं, छात्र हैं तो शिक्षक नहीं हैं, शिक्षक व छात्र दोनो हैं तो उनके लिए किताबें, ड्रेस, मिड डे मील नहीं हैं। शायद यही बजह है कि जनपद की ही नहीं पूरे प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा का यही हाल है। जहां पर प्राथमिक स्कूलों में मासूमों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा सत्र के शुरूआत में ही शिक्षकों ने मासूमों के साथ धोखा करना शुरू कर दिया है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है।