फर्रुखाबाद: चौंकिये मत, आमतौर से बालगृहों के बच्चों को दो वक्त का खाना तक नसीब नहीं होता है लेकिन शहर के छक्कूलाल बालगृह केन्द्र पर सिटी मजिस्ट्रेट के निरीक्षण के दौरान बच्चों ने वियर तक मिलने की पुष्टि की है।
कायमगंज बाईपास रोड पर स्थित छक्कूलाल बालगृह पर सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने औचक निरीक्षण कर बाल गृह के सभी अभिलेख, खाद्य सामग्री इत्यादि चेक किये। तत्पश्चात उन्होंने बालगृह में रह रहे बच्चों से पूछताछ शुरू की। सिटी मजिस्ट्रेट बच्चों से पूछ रहे थे कि रोटी मिलती है, कपड़े मिलते हैं, नहाने का साबुन मिलता है, बच्चे रटे रटाये अंदाज में हर बात पर हां- हां कर रहे थे। तभी बीच में पूछ दिया क्या वियर भी मिलती है, इस पर सभी बच्चों ने हामी भर दी। परन्तु बाद में बालगृह के अधीक्षक रमेशचन्द्र ने मामले को साधते हुए सिटी मजिस्ट्रेट से कहा कि बच्चे कोल्डड्रिंक को वियर समझ बैठे। इस बजह से उन्होंने वियर मिलने की बात पर हां कह दिया।
सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने अभिलेखों को चेक करने के दौरान चार कर्मचारियों चपरासी सुनील, फार्मासिस्ट राकेश, बाबू लवीनाथ, सुपरवाइजर देवेन्द्र को अनुपस्थित पाया तो सिटी मजिस्ट्रेट ने बालगृह अधीक्षक रमेश से अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में जांच पड़ताल की। सिटी मजिस्ट्रेट ने बालगृह अधीक्षक से अनुपस्थित कर्मचारियों के विषय में जांच के बाद दोषी पाये जाने पर वेतन रोकने के निर्देश दिये।
चार सालों से पास नहीं हुआ बालगृह का बजट
सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने अभिलेखों को देखने के दौरान बालगृह के अधीक्षक रमेशचन्द्र से आय व्यय का रजिस्टर मांगा। जिस पर रमेश सिटी मजिस्ट्रेट से चार सालों से संस्था के लिए कोई सरकारी बजट न आने की बात कही। यह भी कहा कि सरकारी बजट न आने से कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हो पाता है। इसी बजह से कर्मचारी ज्यादातर अनुपस्थित हो जाते हैं। सिटी मजिस्ट्रेट ने शीघ्र बजट पास कराने का आश्वासन बालगृह अधीक्षक को दिया। संस्था में लगा एक मात्र कम्प्यूटर भी खराब है। न ही संस्था में जनरेटर की व्यवस्था है न इन्वर्टर की। बिजली जाने के बाद घंटों बालगृह में रह रहे बच्चों को भीषण गर्मी में पसीना बहाना पड़ रहा है। बालगृह में राकेश कुमार, कमल कुमार, हिमांशू, राजू, गणेश, शिवम मिश्रा, शिवम वर्मा, गयाशंकर सहित मात्र आठ बच्चे ही हैं।
सात दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी
सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने बालगृह की सफाई व्यवस्था को देखकर नाराजगी जतायी। उन्होंने अभिलेखों में भी गड़बड़ियां पायीं जिन्हें सुधारने की चेतावनी दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने बालगृह अधीक्षक रमेश को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार तुम लोगों की कमियों को पहली गलती मानते हुए छोड़ा जा रहा है। एक सप्ताह के अंदर अगर व्यवस्थाओं में सुधार नहीं लाये तो दोषी व्यक्ति बड़े घर (जेल) की तैयारी कर लें।