मास्टर प्लान के लिये चिन्हित प्रदेश के 20 शहरों में फर्रुखबाद-फतेहगढ़ सम्मिलित

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सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री ने 20 शहरों के लिये नए सिरे से मास्टर प्लान (महायोजना) तैयार कराने का फैसला किया है। मास्टर प्लान तैयार करने में सेटेलाइट इमेजरी तथा जीआइएस जैसी आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। फिलहाल जिन 20 शहरों के मास्टर प्लान बनाए जाने का निर्णय किया गया है उनमें इटावा, कन्नौज, मैनपुरी जैसे सपाई गढ़ वाले शहरी क्षेत्रों के अलावा फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ भी सम्मिलित हैं।

बेहतर जन सुविधाएं व रोजगार के ज्यादा अवसरों के मद्देनजर शहरी क्षेत्र की आबादी बढ़ने के साथ ही उनका दायरा भी बढ़ता जा रहा है। बेतरतीब ढंग से शहर बढ़ रहे हैं जिससे मुसीबत भी बढ़ रही है। चूंकि इस पर अंकुश लगाने के साथ ही शहरों के सुनियोजित विकास में मास्टर प्लान की अहम भूमिका होती है इसलिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष के दौरान 20 शहरों के मास्टर प्लान बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन शम्भू नाथ शुक्ला द्वारा संबंधित विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, विशेष क्षेत्र के अध्यक्ष व मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक (सीटीसीपी) को आदेश जारी किया गया है।

जिन शहरों के मास्टर प्लान पहली बार बनेंगे उनमें मुगलसराय, पीलीभीत व मवाना-हस्तिनापुर हैं। इनके मास्टर प्लान सन् 2031 मेंशहर की होने वाली आबादी व उसके बढ़े दायरे का अनुमान लगाते हुए तैयार किए जाएंगे। अयोध्या-फैजाबाद, चित्रकूट व रामपुर नगर के मौजूदा मास्टर प्लान को पुनरीक्षित कर नए सिरे से सन्-2021 को ध्यान में रख कर बनाए जाएंगे। विकास व विनियमित क्षेत्रों में उन्नाव-शुक्लागंज, वाराणसी, उरई, अलीगढ़, बागपत, आजमगढ़, हरदोई, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बहराइच व मैनपुरी के मास्टर प्लान भी सन् 2031 को ध्यान में रखकर तैयार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश के सीटीसीपी एनआर वर्मा का कहना है कि प्रस्तावित मास्टर प्लान, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर बनाए जाएंगे। चूंकि मास्टर प्लान बनाए जाने के संबंध में तमाम औपचारिकताएं पूरी करने का दायित्व संबंधित प्राधिकरणों का होता है इसलिए वर्मा का कहना है कि उसमें लगने वाले समय-सीमा के बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। यद्यपि उनका कहना है कि यदि उन्हें प्राधिकरणों द्वारा बेस मैप उपलब्ध करा दिया जाए तो छह माह से ज्यादा समय मास्टर प्लान तैयार करने में नहीं लगेगा