फर्रुखाबाद: आईएमए सेन्ट्रल कमेटी के आव्हान पर जनपद के डाक्टरों ने क्लीनिकल स्टेबलिसमेंट बिल एक्ट लागू होने के विरोध में अपने क्लीनिक बंद रख मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
आईएमए के जिलाध्यक्ष डा0 के एम द्विवेदी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि क्लीनिकल बिल एक्ट लागू होने से प्राइवेट डाक्टरों को भारी हिसाब किताब रखना पड़ेगा। जिसका सीधा असर आम मरीजों पर पड़ेगा। डाक्टर मरीज की बजाय फायलों का इलाज करेंगे। क्योंकि बिल के अनुसार प्राइवेट डाक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह किसी भी मरीज का प्राथमिक उपचार करने की बाध्यता होगी। जिससे डाक्टर पहले फायल में दर्ज करेगा बाद में इलाज कर पायेगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में आईएमए के जिलाअध्यक्ष डा0 के एम द्विवेदी, डा0 आर सिंह, डा0 जे एम वर्मा, डा0 जोयल, डा0 विपुल अग्रवाल, डा0 विशाल अग्रवाल, डा0 सतीश राजपूत, डा0 भल्ला, डा0 अनुराग अग्रवाल आदि शामिल रहे।
जानकारी के मुताबिक क्लीनिकल एक्ट लागू होने के बाद अनियमितता पाये जाने पर डाक्टरों को 50 हजार से पांच लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। ऐसे में भविष्य में बिना सुविधाओं के उपचार करने वाले अकड़ू, कम प्रशिक्षित व जनता को लूटने वाले भ्रष्ट डाक्टरों की समस्यायें निश्चित रूप से बढ़ जायेंगी। अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए सारी सुविधायें उपलब्ध करानी होंगीं। इमरजेंसी में प्रत्येक मरीज का प्राथमिक उपचार करने की बाध्यता होगी। जो भी हो क्लीनिकल स्तब्लिश्मेंट बिल एक्ट लागू होने से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार अवश्य होगा। प्राइवेट डाक्टरों से परेशान जनता को एक्ट के माध्यम से निजात मिलेगी।