समर्थको ने लालगेट पर मनोज को लड्डुओं से तौला

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फर्रुखाबाद: नेता को सिक्को से तौले जाने की शुरुआत डॉ राम मनोहर लोहिया के जमाने से हुई| तब पार्टी के चंदे में सिक्के ईकट्ठे होते थे| नेता को जिले में बुलाया जाता था और सिक्को से तौल नोटों की थैली पार्टी चंदा के लिए भेट की जाती थी| बात मुलायम सिंह तक भी आई| इसके बाद नेताओ को सिक्के से तौले जाने का क्रेज ख़त्म हो गया| फिर तो अटैची चलने लगी| सत्ता में पहुचे तो पार्टी और नेता दोनों अमीर हो गए| सिक्को का खेल ख़त्म हुआ और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से चंदा आने लगा|

कितनी ही बार मुलायम सिंह को सिक्को से तौला गया| नेताजी को नोटों की थैली भेट करने के लिए पार्टी चंदा करती थी| बीच में कुछ लोगो पर चंदा चोरी का आरोप भी लगता था| अब न चंदा चोरी के आरोप लगते है और न ही चुंगी चोरी के| चोरो का छोड़ अब तो डकैतों का जमाना आया है| भैस सहित खोया जिसने जहाँ चाह करवाया है| ठेकेदार नेता को लड्डुओं से तौल रहा है| लड्डुओं के पैसे जीतने के बाद ठेकेदारी के घटिया काम करके वसूले जायेंगे| वैस पिछले चुनाव में मोहन भी लड्दुओ से तौले गए थे| अबकी बार विजय सिंह और मनोज दोनों तुल गए|

प्रत्याशी को क्यूँ नहीं तौलते? सवाल लाख टके का है| चुनाव वत्सला और दयमंती लड़ रही है और तुल रहे हैं उनके पतिदेव| वैसे ये प्रायोजित कार्यक्रम भी होते हैं मीडिया में छपने के लिए| खबर आई कि अमुक अखबार में बड़ा छप गया| नेताजी ने फटकारा पॅकेज तो एडवांस में पूरा दिया था, मेरी कमीज उसकी कमीज से मैली क्यूँ दिखाई| कोई बात नहीं नेताजी कल आप भैस पर बैठ जाना स्पेशल तस्वीर होगी छप जाएगी| पूरे अखबार पर अलग से निगाह पड़ेगी|

कमाल है ख़ुशी किस बात की है| अभी तो फेरे भी नहीं पड़े| बरात लेकर दुल्हे तैयार हुए है| नगरपालिका का स्वयंबर है पता नहीं वरमाला किसके गले में पड़े| अब नगर पालिका कोई पांचाली तो है नहीं कि मिल-बाट कर व्याह ली जाए| जाएगी तो एक के ही घर| शायद ख़ुशी से पहले की ख़ुशी है| बाद में पड़े न पड़े पहले डलवा लो| बाद में बटे न बटे पहले बटबा लो| सो विजय के बाद मनोज भी आज जुमे के दिन तुल गए| तो जनाब इस शहर के पंडित मुल्ला दोनों हाजिर है इन सबका कमला पढ़ने के लिए| बस सामूहिक विवाह की तरह सेहरा लालगेट और लिंजिगंज में जनता ने बाँध दिया है| तस्वीरे मुलाहजा फरमाइए-