सरकारी डॉक्टर की सेवाएं लेने वाले नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त होगा

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किसी नर्सिंग होम ने अगर सरकारी डॉक्टर से अपने यहां ऑपरेशन करवाया या कुछ अन्य सेवाएं लीं तो उसका लाइसेंस निरस्त कर उसे बंद करवा दिया जाएगा। सरकारी डॉक्टर पर भी कार्रवाई होगी। महंगी से महंगी दवाएं सरकारी अस्पतालों में मिलेंगी और डॉक्टर को बाहर से नुस्खा लिखने की जरूरत नहीं पड़ेंगी। दवाएं ब्रांडेड कंपनियों से ही खरीदी जाएंगी। एनआरएचएम के तहत 1000 डॉक्टरों को जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भेजा जाएगा। तीन महीने में ग्रामीण इलाकों में 131 अरबन हेल्थ पोस्ट खोले जाएंगे। डॉक्टरों का तबादला उनकी पसंद के तीन स्थानों में ही किया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर स्थापित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी जो गरीब मरीजों को मुफ्त में जिला अस्पताल व आवश्यकता होने पर लखनऊ तक पहुंचाएगी। 116 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को एक महीने के भीतर चालू करवा दिया जाएगा। दवा खरीद अब प्रदेश स्तर के बजाय जिला स्तर पर होगी।

 

यह घोषणाएं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने बुधवार को विधानसभा में विभाग का बजट पेश करने के दौरान कीं। कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल की तरह विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनेगा। डॉक्टरों को भी दिल लगाकर काम करना होगा। दवाओं की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। कोशिश होगी कि जो दवाएं पीजीआई व नर्सिंग होम में मिलती हैं, वे सरकारी अस्पतालों में आसानी से गरीब मरीजों को उपलब्ध हो जाए। सीटीस्कैन से लेकर अन्य आधुनिक परीक्षण भी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराने का प्रयास होगा। पिछली सरकार में मरीज को केवल 2 दिन की दवा मिलती थी, पर अब 5 दिन की व विशेष स्थितियों में 15 दिन की भी मिलेगी। दवा खरीद नीति बदलेगी। खरीद जिला स्तर पर पारदर्शी ढंग से होगी। विभाग में करीब 5000 डॉक्टरों की कमी है, पर जल्द ही खाली पद भरे जाएंगे। 2500 से अधिक डॉक्टरों की भर्ती इसी साल हो जाएगी। प्राइवेट प्रैक्टिस की कतई इजाजत नहीं होगी। ऐसा करने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई होगी। कहा कि पिछली सरकार के दौरान विभाग में मंत्री, माफिया व डॉक्टरों के बीच एक गठजोड़ बन गया था, वह तोड़ दिया जाएगा। डॉक्टरों को अपना काम करना ही होगा। इस बात पर हैरत जताई कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ सर्जनों ने एक भी ऑपरेशन नहीं किया।