फर्रुखाबाद: केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में तैनात दो बंदी रक्षकों को बीती रात शहर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सातनपुर निवासी दबंग युवकों ने कार से उतारकर जमकर मारपीट कर दी। जिससे दोनो बंदी रक्षक गंभीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने रिपोर्ट लिखने की जगह घायल बंदी रक्षकों पर समझौते का दबाव बनाया है।
घायल बंदी रक्षक जितेन्द्र पटेल व सत्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि बीती रात वह एक शादी समारोह में शामिल होने गये थे। गाड़ी जितेन्द्र पटेल चला रहा था। तभी मण्डी समिति हसन बाग के पास स्थित सरकारी लकड़ी की गोदाम के पास पीछे से आ रहे सातनपुर निवासी जयवीर, विजय यादव के अलावा अन्य तीन अज्ञात लोगों ने साइड न देने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। धीरे-धीरे मामला मारपीट पर पहुंच गया।
अल्टो पर सवार होकर आये दबंगों ने बंदी रक्षक जितेन्द्र पटेल व सत्यप्रकाश वर्मा के साथ मारपीट कर दस हजार रुपये व सोने की चेन लूट ली। मारपीट में बंदी रक्षक बुरी तरह से घायल हो गये। घायल सत्यप्रकाश वर्मा रिटायर्ड डिप्टी जेलर शिवचरन का पुत्र है। जितेन्द्र पटेल के पिता अनुरुद्व पटेल पुलिस विभाग में बाबूपुरवा कानपुर में हेड कांस्टेबिल के पद पर तैनात हैं। घटना के बाद दबंग युवक फरार हो गये। घटना की सूचना घायल बंदी रक्षकों ने केन्द्रीय कारागार में अपने साथियों को दी। मौके पर पहुंचे बंदी रक्षकों ने घटना की सूचना शहर कोतवाली में दी। जहंा पुलिस पर दबंग आरोपियों का दबाव साफ नजर आया। पुलिस ने मामले की एफआईआर दर्ज नहीं की। वल्कि मामले को समझौते में बदलने का प्रयास किया जाता रहा।
रिपोर्ट न लिखने के बाद घायल सिपाही कुछ बंदी रक्षकों के साथ पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने रुपये लूटने की घटना को गलत बताया और शहर कोतवाली पुलिस को घटना के सम्बंध में चेन लूटने व मारपीट करने का मामला दर्ज करने के निर्देश दिये। जब सभी बंदी रक्षक दोबारा कोतवाली पहुंचे तो मामले की एनसीआर दर्ज न करके पुलिस आरोपियों को बचाने को लेकर कानूनी दावपेंच में बंदी रक्षकों को फांसती नजर आयी। इसके बाद गुस्साये बंदी रक्षकों ने जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी से मुलाकात की।