फर्रुखाबाद: इस शहर की सुनहरी अस्मत को रखवालो के हाथो लुटने से बचने वाला शायद कोई नहीं है| जिनके हाथ में पतवार थी वही कश्ती डूबने का नजारा अपनी तिजोरी पर बैठ कर देखेंगे| 110 किमी लम्बी गालिओ और सडको वाले नगर में जल निगम 116 किमी लम्बी पानी की पाइप लाइन डालने के लिए नगर की गलियां खोदने में जुट गया है| हैरान मत होइए पिछले पंद्रह सालो में जब नगर की लम्बाई मात्र 75 किमी थी इसी शहर में 135 किमी की लम्बी पानी की पाइप लाइन नगरपालिका और जल निगम मिलकर बिछा चुका है|
नगरपालिका और जल निगम के रिकॉर्ड तो यही कहते है अलबत्ता कितनी गालिओ में अभी पाइप लाइन बिछना बाकी है ये जाँच का विषय है| गैर प्लानिंग का कराया हुआ नगरपालिका का विकास अब इस शहर को गड्डो में तब्दील करने वाला है| गैर जिम्मेदार ठेकेदार इंजीनियर अधिशासी अधिकारी के साथ नगरपालिका के दो अध्यक्ष मनोज अग्रवाल और दयमंती सिंह कैसा विकास इस शहर का कराते रहे| सिर्फ अपने बने कारखाने की ईंट बिक जाए, ठेकेदार से भुगतान पूर्व कमीशन मिल जाए इस बात के अलावा कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई गयी|
नगरपालिका के नियोजन की जिम्मेदार एक और अधिकारी रहता है नगर मजिस्ट्रेट| मगर इस सीट पर बैठे साहबो ने भी फ़ाइल के साथ आये लिफ़ाफ़े का वजन देखा, नियोजन का नियम नहीं| नियत प्राधिकारी नाम की पोस्ट और उसके अधिनस्त इंजीनियर और बाबू नगर में फैलते अतिक्रमण के जाल पर घूस बटोर अपने घर की तीमार में बरकत कराने में जुटे रहे| कायदे से किसी भी गली के बनने से पहले उसमे पानी बिजली व् अन्य सुविधाए विकसित की जाती है जिससे बार बार सड़क या गली खोदनी न पड़े| मगर अभी तो पिछले पांच साल में बनी कई गालिओ की जाँच तक पूरी नहीं हो पायी है एक बार फिर दुबारा ये शहर खुदने जा रहा है|
वर्ष 2004-2005 में जल निगम ने इसी शहर में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 75 किमी लम्बी पाइप लाइन बिछाई थी| दस्ताबेज तो यही कहते है| अब एक बार फिर आदर्श विकास योजना के तहत नगर में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ है| बीचो बीच गली और सड़क खुदने लगी है| पाइप डाल कर सड़क गली के बीच का हिस्सा खुदा पड़ा रह जायेगा| उसे दुबारा भरने और गली पक्की करने की कोई योजना किसी के पास बताने को नहीं है|
पहले से ही फर्रुखाबाद में 5 साल पहले 13 करोड़ के 13 पम्प घोटाले की मार झेल रहा फर्रुखाबाद नगर एक बार फिर लुटेरे जल निगम के हाथो लुटने को तैयार है| सनद रहे वर्ष 2005 के 13 नलकूप मय आज तक नगरपालिका के पास लावारिस है| इनमे से 4 का अस्तित्व ही नहीं और बाकी सभी अधबने है| इस प्रकरण में जल निगम के अधिक्षासी अभियंता शकील साहब रिटायर होकर इटावा में प्रोपर्टी का बड़ा काम कर रहे है| केंद्र सरकार की फाइलों में फर्रुखाबाद में इन नलकूप से हर घर में पानी पहुच रहा है| और नगरपालिका फर्रुखाबाद इनमे से 8 पम्पो पर अनाधिकृत रूप से कब्ज़ा कर “जनहित” शब्द का इस्तेमाल कर अपने आपरेटर का वेतन पांच साल से निकाल रहा है| हैं न कमाल की बात| नगरपालिका फर्रुखाबाद कहता है कि ये पम्प उसे अभी हस्तांतरित नहीं हुए है| खैर शकील साहब जनता का पैसा लूट कर रिटायर होकर घर चले गए| पिछले 5 साल जाँच चलती रही| मगर जनता के पैसे की रिकवरी नहीं हुई| अलबत्ता इस आरोप को सह लेने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि जाँच की आड़ में कुछ कमीशन बसपा सरकार चलाने वालो को भी शकील साहब को सुरक्षित घर जाने के लिए मिला होगा| बताते हैं कि शकील साहब सपा के कद्दावर नेता और मंत्री मो० आजम खान के आदमी थे और ये योजना भी सपा के कार्यकाल में बनी थी| अलबत्ता जाँच बसपा सरकार में जरुर हुई थी| मगर फर्रुखाबाद की जनता को पम्प सही सलामत नहीं आज तक नहीं मिल सके| क्या कहेंगे मुहावरे में इसे- एक सांपनाथ तो दूसरा नागनाथ|
बात नगर में पड़ रही पाइप लाइन की, सरकार का आदेश है कि सर्वप्रथम 1956 के पहले की पाइप लाइन बदली जाए| मगर जल निगम अपनी वो छदम पाइप लाइन ही बदलने में जुट गया है जो उसने कागजो में वर्ष 2005 में डाली थी| क्या कहियेगा इसे? और घर घर की समस्या को हल करने का दावा करने वाले नेता जो इन दिनों गली गली घूम घूम कर वोट मांग रहे है क्या इस भ्रष्टाचार को रोकने का एक भी कदम उठाएंगे| शायद नहीं, क्यूंकि जब भी कोई नगर की योजना अन्य विभाग पूरा कर उसे नगरपालिका को हैण्ड ओवर करता है, तमाम फर्जी कामो को असल दिखाने के एवज में करोडो का कमीशन इन नेताओ भी मिलता है| वर्ना काशीराम आवास योजना के हस्तांतरण की फ़ाइल यूं ही चौक के आसपास नहीं खो गयी होती, नगरपालिका के दफ्तर में मिलती| जिसमे पानी के ट्यूबवेल से लेकर सीवर के चेंबर तक गायब है| वैसे भी बसपा सरकार में मलाई खाने का नहीं भैस सहित खोया करने का दौर नगरपालिका से लेकर लखनऊ तक चला|
खैर बरसात आने में अब देर नहीं है| वोट पड़ने तक बूंदाबादी ठीक ठाक हो जाने की उम्मीद है| अगर जल निगम को ये शहर यूं ही खोदने दिया गया तो बरसात का पानी नालिओं के चोक होने के चलते घरो में घुसा होगा| वैसे भी इस नगर के अधिशासी अधिकारी श्रीमान महान बाजपेयी जी चौक से इतर गलिओं में नहीं घूमे है| बरसात से पहले नालिओं से सिल्ट साफ़ नहीं हुआ है| भले की कागजो में हो गया हो| जो भी नया चेयरमेन आएगा पहली बरसात के साथ ही जनता की इस मुसीबत से लाचार होकर पहले अपने मोबाइल आफ कराएगा|