घूंघट के अन्दर से मीरा ने मनोज को फटकारा- विकास कराया नहीं, वोट मांगते शर्म नहीं आ रही!

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फर्रुखाबाद: शुक्रवार की सुबह निवर्तमान नगरपालिका चेयरमेन और एमएलसी मनोज अग्रवाल को जनता का कोपभाजन बनना पड़ा| लिंजिगंज के पास कछियाने मोहल्ले में अपनी पत्नी वत्सला अग्रवाल के लिए वोट मांगने गए मनोज अग्रवाल को महिलाओ ने बेशर्म नेता तक कह डाला| पिछड़े वर्ग की इस बस्ती में कीचड से सनी गलियां है जिसमे नारकीय जीवन जीने को लोग मजबूर है| मीरा और ममता ने मनोज अग्रवाल से कहा पांच साल तक नजर नहीं आये| देख रहो कीचड़, निकलने तक की जगह नहीं है| बनबाई होंगी तुमने पूरे शहर में गलियां यहाँ तो कोई विकास नहीं हुआ| फिर भी बेशर्मी से वोट मांगने चले आये| इस पर घर की महिलाओं को पुरुषो ने फटकार लगायी|

ये गुस्सा था, खीज थी जो अन्दर भरी हुई थी| मनोज बोले, बोलने दो आज इनकी बारी है| मनोज बोले ये तो 15-20 लाख का काम है| जीतने के बाद तो पहले ही झटके में करा देंगे| महिलाओं ने जबाबी मारा- बेकार वोट मांग रहे तुम तो 24 से पहले ही जीत गए| ये कुछ ऐसे नज़ारे है जो इस शहर के नेताओ के नकाब उतरने के लिए काफी है|

मनोज अग्रवाल महिलाओं की सुनते रहे| एक बार फिर बोल्रे मुझे एक बार फिर जिताओ सबसे पहले तुम्हारी गली बनेगी| मोहल्ले की महिलाएं खरी खोटी सुनती रही, नेता जी पर जैसे कोई असर नहीं पड़ा| बैंगन पर पड़े पानी का सर ही कितना और अगली गली में निकल गए|

दलालों, बिचौलिओं, ठेकेदारों, समर्थको, चमचो और सुरक्षा कर्मियों के बीच घिरे रहने वाले नेताओ को जनता के बीच पांच साल में एक बार तो आना ही पड़ता है| सत्ता में रहने वाले नेताओ से सवाल पूछने की हिम्मत मर्दों में भले ही न हो, महिलाएं उलाहना देने में नहीं चूकती| जो बोया है वाही काटना पड़ेगा| नेताजी का तिलस्म टूटता दिख रहा है| समर्थक, शुभचिंतक, कार्यकर्त्ता और तमाम ठेकेदार छिटक क्र दूर हो चुके है| कुछ बचे हैं जो चंद दिनों के मेहमान है| बेजमीन की नेतागिरी के दिन ही कितने|