कमालगंज (फर्रुखाबाद): विकासखण्ड कमालगंज क्षेत्र के ग्राम नगला दाउद के प्रधान फिरोज उर्फ अन्ना पुत्र नौशाद उर्फ नौसे के द्वारा सेक्रेटरी व ग्राम रोजगार सेवक के साथ साठगांठ कर मनरेगा में लाखों का घोटाला किया था। जिसकी गांव के ही निवासी अलीदराज खां ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर बीते दिन अधिकारियों ने ग्राम नगला दाउद में पहुंचकर जांच पड़ताल की। इसके बाद जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी को सौंपी थी। डीएम मुथुकुमार स्वामी ने प्रधान, सेक्रेटरी व रोजगार सेवक पर मनरेगा के धन के घोटाले के सम्बंध में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये हैं।
विदित हो कि ग्राम नगला दाउद के प्रधान फिरोज उर्फ अन्ना पुत्र नौशाद उर्फ नौसे ने अपने सगे सम्बंधियों जोकि जेल में बंद हैं व कुछ दिल्ली में जरदोजी कार्य कर रहे हैं के नाम मनरेगा जॉब कार्ड बनाकर लगभग 20 लाख रुपये का घोटाला किये जाने की बात सामने आयी थी। इसकी शिकायत गांव के ही निवासी अलीदराज खां ने जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी से की थी।
मनरेगा घोटाले की जांच करने बीते दिन गुरुवार को परियोजना निदेशक रामकृत राम, सहायक अभियंता जिला विकास अभिकरण राहत अली, खण्ड विकास अधिकारी बढ़पुर देवेन्द्र सिंह चौहान ग्राम नगला दाउद गये थे। संयुक्त रूप से जांच करने के बाद जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी को सौंपी थी।
शिकायत में कहा था कि गांव के प्रधान फिरोज ने अपने सगे सम्बंधियों के मनरेगा में जॉब कार्ड बनाकर व फर्जी मस्टर रोल भरकर लगभग 20 लाख का घोटाला किया है। जिसमें उन्होंने अपने सम्बंधी सराफत खां, बाबर, अनीस, जीशान, दिलशाद, सोएब, सलमान उर्फ संजय, नाजिम उर्फ फिरदौस पुत्रगण नौशाद जोकि दिल्ली में जरदोजी कारखाना चलाते हैं का जॉबकार्ड बनाकर फर्जी भुगतान करा लिया गया है। वहीं प्रधान के सगे भाई इशरार उर्फ इसराइल पुत्र नौशाद उर्फ नौसे जोकि जिला कारागार में 14 महीने से गैंगेस्टर एक्ट की कार्यवाही के तहत बन्द है तथा राजू पुत्र अलाउद्दीन गुन्डाएक्ट में वांछित चल रहा है को भी मनरेगा मजदूर दर्शाकर फर्जी मस्टर रोल भरकर भुगतान निकाल लिया गया।
जिलाधिकारी के आदेश के बाद बीडीओ देवेन्द्र सिंह चौहान ने थाना कमालगंज में ग्राम प्रधान फिरोज खान उर्फ अन्ना, पूर्व ग्राम पंचायत सेक्रेटरी सत्यबीर सिंह, वर्तमान ग्राम पंचायत सेक्रेटरी अनिल सक्सेना, रोजगार सेवक मोहम्मद असलम के विरुद्व मनरेगा में सरकारी धन के घोटाले के सम्बंध में एफआईआर दर्ज करायी है।अब देखना यह है कि घोटालेबाज प्रधान व सेक्रेटरी को जेल जाने के बाद घोटाला किये गये धन की रिकवरी हो पाती है कि नहीं