59 सस्पेंड, 26 के खिलाफ कार्रवाई, दो डीएम भी तलब

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उत्तर प्रदेश के एक गेहूं क्रय केन्द्र के तराजू से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीते दिनों अपना वजन तौला, मुख्यमंत्री का वजन सिर्फ 20 किलो निकला। लेकिन, मुख्यमंत्री का वजन गलत तौलना पूरे विभाग को भारी पड़ गया है।

मंगलवार को यह मुद्दा विधानसभा में उठा। इसके तुरंत बाद सरकार ने विभिन्न स्थानों पर गेहूं क्रय केन्द्रों पर पाई गई अनियमितताओं में कुल 59 केन्द्र प्रभारियों को निलंबित कर दिया और 26 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। फतेहपुर और औरैया के डीएम को जवाब-तलब किया गया है। मुरादाबाद के जिला सहायक निबंधक, चंदौली के उप-क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। संतकबीर नगर में एग्रो के जिला प्रबंधक के साथ-साथ एक खाद्य निरीक्षक तथा दो अन्य कर्मचारी भी निलंबित किए गए हैं। विपक्ष के वार से आहत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार शाम पांच बजे विधानसभा के स्थगित होने के बाद गेहूं खरीद की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि गेहूं खरीद में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया 42 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लक्ष्य के मुकाबले अब तक प्रदेश में 28 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुई खरीद से 25 प्रतिशत अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि गेहूं की खरीद के लिए बोरों की करीब 56 हजार गाठों की आवश्यकता है, जिसकी सप्लाई पांच से दस जून के बीच कर दी जाएगी, साथ ही दो हजार अतिरिक्त गाठें रिजर्व में उपलब्ध रहेंगी।

कांग्रेस और भाजपा ने की सरकार की खिंचाई : मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के भाषण पर हो रही चर्चा के दौरान कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा था कि उप्र के गेंहू क्रय केन्द्रों पर इस कदर धांधली है कि उसके तराजू पर मुख्यमंत्री का वजन बीस किलो तौला जा रहा है। धांधली बेहद गंभीर और बड़े पैमाने पर हो रही है। भाजपा के हुकुम सिंह ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं की खरीद हो रही है और मुख्यमंत्री ने काफी देर से क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया है। खरीद बिचौलियों से हो रही है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की थी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्नाव के गेहूं क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया था। उनकी पहल पर प्रदेश सरकार के 25 मंत्रियों ने राज्य के विभिन्न गेहूं क्रय केन्द्रों पर पिछले दिनों आकस्मिक छापे मारे। इस दौरान 85 केन्द्रों पर कमियां पाई गईं। इन 85 केन्द्रों में से 59 केन्द्र प्रभारियों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिलीं।
पेट्रोल पर टैक्स घटाने से उप्र सरकार का इंकार
प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर टैक्स घटाने से साफ इंकार कर दिया है। मंगलवार को विधानसभा में भाजपा विधायक राधामोहन दास अग्रवाल व सुरेश कुमार खन्ना के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से बताया गया कि प्रदेश की वित्तीय आवश्यकता व सीमित संसाधनों को देखते हुए पेट्रोलियम पदार्थो पर टैक्स कम करना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में वैट अधिनियम के तहत डीजल पर 17.23 प्रतिशत और पेट्रोल पर 26.55 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि डीजल खरीद पर पंजीकृत व्यापारी की औद्योगिक इकाई को नॉन वैट माल से भिन्न कर योग्य माल निर्माण के प्रयोग के लिए पांच प्रतिशत टैक्स देना होता है। अन्य राज्यों में भी पेट्रोलियम पदार्थो पर लागू दरें कमोबेश इसी तरह हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने पेट्रोलियम पदार्थो से वैट दर कम नहीं करने के फैसले को आम जनता के साथ नाइंसाफी कहा है।