फर्रुखाबाद: 20 साल पहले नगर में जब चुनाव होते थे तब कांग्रेसी नारे लगाते थे- झंडा बैनर काऊ को, वोट विमल ताऊ को| 20 साल बाद एक बार फिर नगरपालिका चुनाव में ऐसे ही नारे लगे तो चौकियेगा नहीं| युवा अपने घर के बुजुर्गो से पिछले चुनावों में लगने वाले नारों के बारे में पूछ सकते है| इस चुनाव में भी ये भी यही होगा| झंडा बैनर किसी का होगा और वोट किसी का| नगरिया चुनाव है इसलिए देशी की जगह बोद्का और बीयर चलेगी| गर्मी में ठंडे पानी के प्याऊ लगेंगे और शरबत का इंतजाम होगा| सुबह किसी भी प्रत्याशी के दफ्तर में लस्सी पीजिये और शाम को कहीं और ठंडी बीयर के साथ बिरयानी का स्वाद चखिए|
इधर बसपा और सपा ने अपने चुनावी मोहरों को खुला छोड़ दिया है| न हाथी मिलेगा और न माया काशीराम का फोटो व् पार्टी का नीला झंडा| न सपा का झंडा और न साइकिल| खुद को सपाई बसपाई बताओ और पैदल टहलो| बाबजूद इसके नगर के पहले नागरिक बनने की लालसा में कोई कमी नहीं है| बसपा के दलित वोट बैंक के समर्थन की गुहार वत्सला अग्रवाल, सरिता शाक्य और प्रतिभा अंसारी ने लगाई है| तीनो ने अपने आवेदन बसपा जिलाध्यक्ष के पास जमा करा दिए है| जिन पर कानपुर में कल शाम तक फैसला हो जायेगा|
लगभग आधा सैकड़ा सभासद पद के दावेदार प्रत्याशियो ने भी आवेदन कर दिया है| अन्दर की बात यह है कि पिछली नगरपालिका के चेयरमेन को जो चस्का नगरपालिका के दोहन का लगा है उसके चलते वो किसी भी कीमत पर समर्थन खोने नहीं देंगे| ऐसी हालत में प्रतिभा अंसारी के पति युनुस अंसारी अहमद अंसारी के लिए गोटे बिछायेंगे और सरिता शाक्य के घर के चक्कर उस्ताद लगायेंगे|