फर्रुखाबाद: विशिष्ट बीटीसी 2004 के अन्तर्गत फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त तीन शिक्षकों के शिकायत के बाद रजलामई डायट प्राचार्य द्वारा दोबारा सत्यापन कराने पर प्रमाणपत्र पूर्णतः फर्जी पाये गये हैं। इस सम्बंध में डायट प्राचार्य ने जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को कार्यवाही करने की संस्तुति की थी। लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों के विरुद्व अब तक कोई भी एफआईआर नहीं दर्ज करायी गयी है और न ही फर्जी शिक्षकों से वेतन की रिकवरी के आदेश किये गये हैं।
कटरा नुनहाई निवासी जितेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा जिलाधिकारी को दिये गये एक शिकायतीपत्र में कहा गया है कि विशिष्ट बीटीसी 2004में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर राजनरायन शाक्य पुत्र मोहनलाल शाक्य निवासी मतापुर पिपरगांव, तैनाती स्थल प्राथमिक विद्यालय अलीदादपुर, मोहम्मदाबाद, नरेन्द्र सिंह पुत्र सूबेदार निवासी दौदापुर, खिमशेपुर, तैनाती स्थल प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर, मोहम्मदाबाद, श्रवण कुमार पुत्र पहरीलाल निवासी उदी नगला तैनाती स्थल बरुआ नगला कमालगंज के शिकायत के आधार पर अंकपत्र व प्रमाणपत्र दोबारा डायट प्राचार्य द्वारा सत्यापित कराये गये थे।
प्रमाणपत्र सत्यापन में फर्जी पाये जाने पर प्रचार्य डायट रजलामई ने 3 अगस्त 2011 को तीनो शिक्षकों के विरुद्व कार्यवाही किये जाने की संस्तुति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को की थी। लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की साठगांठ के चलते आज तक शिक्षकों पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी गयी। वहीं शिक्षक राजनरायन की अब तक सेवा तो समाप्त कर दी गयी लेकिन वेतन रिकवरी के लिए कोई आदेश नहीं किये गये हैं। इसी तरह नरेन्द्र सिंह व श्रवण कुमार पर भी न तो बर्खास्तगी की कोई कार्यवाही की गयी है और न ही अब तक एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
शिकायतकर्ता डा0 जितेन्द्र चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर मांग की है कि फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने वाले ऐसे शिक्षकों के विरुद्व कड़ी कार्यवाही की जाये। जिससे भविष्य में कोई दूसरा व्यक्ति ऐसी घिनौनी हरकत न करे।