फर्रुखाबाद: बीते दिन थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के ग्राम बाबरपुर में हुए भीषण अग्निकाण्ड में एक ही परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे और उसके पड़ोसी सगे भाइयों के पांच घरों को भी आग ने राख में तब्दील कर दिया था। अग्निकाण्ड में झुलसे असलम व उसकी पुत्री की सैफई अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी।
किस्मत भी कभी-कभी ऐसा कर देती है कि आदमी के आंसू रोते-रोते सूख जाते हैं और वह चाह कर भी अपनों के गम में दो आंसू तक नहीं निकाल सकता। असलम के परिवार के लोगों ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि आने वाला दिन उसके परिवार के लिए एक भूचाल लेकर आयेगा। सूत्रों की मानें तो असलम का परिवार रात में उर्स देखकर आया। देर रात्रि में घर पहुंचने के बाद परिवार के सभी लोग नींद में थे। तभी अचानक चूल्हे से उठी एक छोटी सी चिंगारी ने असलम के परिवार को तहसनहस कर ही दिया। इसके अलावा पड़ोस के रहने वाले पांच सगे भाइयों के मकानों में अन्न का एक दाना भी नहीं बचा। उधर असलम की सैफई अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी। असलम की मौत के मात्र तीस मिनट बाद ही उसकी पुत्री इल्मा ने भी आखिरी सांस ले ली। उनके शवों को तो शुक्रवार को दो गज जमीन नसीब हो जायेगी लेकिन उधर अभी असलम की मां अनीसा की हालत सैफई अस्पताल में नाजुक बनी है। उसकी मां, पत्नी व भांजी जोकि अभी भी जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं। पत्नी को अभी यह भी नहीं पता कि उस छोटी सी चिंगारी ने उसके मांग का सिंदूर पोंछ दिया है। क्या होगा जब उसकी पत्नी रजिया को हकीकत से रूबरू होना पड़ेगा। असलम का घर तो बर्बाद हो ही गया लेकिन ऊपर वाले ने असलम के पांच साल के बेटे दानिस को मौत के मुहं से सकुशल वापस बुला लिया। असलम इस समय असगर रोड पर अपनी मौसी के यहां है।
वहीं दूसरी तरफ अग्निकाण्ड में अपने घर गवा बैठे पांच सगे भाई रियाज मोहम्मद, बबलू, रहीश, गुड्डू, मुन्ना को अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी। घटना के निरीक्षण के लिए लेखपाल संजय सिंह व कानून गो पहुंचे थे। पीड़ितों का परिवार चूल्हे की आग से अपना सब कुछ गंवा बैठा लेकिन अब पेट की आग उनके बच्चों को रोने व चिल्लाने पर मजबूर कर रही है। आंखों से आंसू टपकाते हुए पीड़ितों के बच्चे दो रोटी तक को मोहताज हो गये हैं। लेकिन प्रशासन अभी तक उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए निष्क्रिय क्यों है। यह बात सोचने की है।