फर्रुखाबाद: शासन द्वारा गांवों में तैनात किये गये अधिकांश सफाईकर्मी जिला प्रशासन व प्रधानों से सैटिंग के दम पर सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं। जिससे अधिकांश गांवों की नालियां कूड़े कचरे से बजबजा रहीं है। गंदगी से बीमारियों का साम्राज्य है। प्रधान व जिला प्रशासन को एक बंधी रकम मिल जाने के बाद बड़े आराम से इन सफाईकर्मियों को वेतन भी निकालने में कोई दिक्कत नहीं होती। जिससे ग्रामीण बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
विकासखण्ड बढ़पुर क्षेत्र के ग्राम सोता बहादुरपुर में पांच सफाईकर्मी तैनात हैं जिनमें से दो सफाईकर्मी आज तक सफाई करने गांव में नहीं आये। जिससे गांव की नालियां कीचड़ से बजबजा रहीं हैं। वहीं प्रधान मोहम्मद जमील पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने चहतों के मोहल्लों में ही विकास कार्य कराये हैं। अन्य मोहल्लों में नालियां व पुलिया टूटी है। जिससे लोगों को निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सोता बहादुरपुर निवासी गुल्लू सोमवंशी ने बताया कि जब से जमील प्रधान बने हैं तब से उनके मोहल्ले में सफाई नहीं हुई। यहां तक कि उनके मोहल्ले के लोग सफाई कर्मी को पहचानते तक नहीं है।
सुनील शुक्ला ने बताया कि उनके मोहल्ले की पुलिया टूटी होने से कई बार दुर्घटनायें हो चुकी हैं। पुलिया टूटी होने की शिकायत प्रधान से करने के बावजूद प्रधान ने अभी तक इसे सही नहीं कराया है।
ग्रामीण रामू गुप्ता, मुकेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि प्रधान जमील अहमद अपने मोहल्ले में झाडू लगवा देते हैं लेकिन अन्य पूरा गांव कूड़े कचरे से पटा रहता है। वहीं गंगा घाट जाने वाले रास्ते पर महीनों से कूड़ा पड़ा है। जिसको प्रधान व सफाईकर्मियों की अनदेखी के चलते उठाया नहीं गया है।
प्रधान जमील अहमद ने बताया कि उनके यहां पांच सफाईकर्मी तैनात हैं। जिनमें दो सफाईकर्मी कभी नहीं आते। इस बात की शिकायत कई बार डीपीआरओ से की। लेकिन सफाईकर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ग्राम पंचायत में कई गांव शामिल हैं, इसलिये भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण कूड़ा कचरा नाली में डाल देते हैं जिससे नालियां भरकर चोक हो जाती हैं।