NCERT की 11वी की सामाजिक विज्ञानं की किताब में छपे डॉ भीम राव अम्बेडकर के कार्टून पर केंद्र सरकार को संसद में हंगामा झेलना पड़ा| संसद के बाहर कपिल सिब्बल ने माफ़ी तक माँगी मगर दलितों के नेताओ ने सरकार को कारवाही न करने तक झेलने को कहा| बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ऐलान करते हुए कहा की अगर तीन दिन के अन्दर केंद्र सरकार कार्टून छपने में दोषियो के खिलाफ कारवाही नहीं हुई तो वे संसद नहीं चलने देंगी| यही नहीं कांग्रेस के सांसद पी एल पूनिया तक ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है| पी एल पूनिया ने कड़ी कारवाही की माग की और कपिल सिब्बल से भी माफ़ी मांगने को कहा|
भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने इसे महापुरषों के अपमान का मामला बताया| प्रणव मुखर्जी ने भी इस कार्टून को किताब में छापना बिलकुल ही गलत बताया|
क्या है कार्टून और क्यूँ है विवादित-
इस कार्टून 1950 में बना था| कार्टून बनाने वाले बड़े ही मशहूर कार्टूनिष्ट थे| उनके बनाये कार्टून देश में ही नहीं विदेश भी पसंद किये जाते थे| यही कारन था की उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान भी मिले| इसे बनाने वाले को कार्टूनिस्ट को पदम् श्री जैसे सम्मान मिले थे| NCERT की किताब में ये कार्टून 2006 में छापा गया मगर चर्चा में तब आया जब ममता के कार्टून पर बबाल शुरू हुआ| अम्बेडकर के मुद्दे पर सांसद में कई बार बबाल हो चुके है| आखिर सविधान निर्माता डॉ अम्बेडकर को लेकर समय समय पर हंगामा और बबाल क्यूँ होता है? दलितों की राजनीती करने वाले नेताओ ने डॉ अम्बेडकर को लेकर हंगामा पहली बार नहीं किया| कभी यूनिवर्सिटी के नाम बदलने को लेकर तो कभी अम्बेडकर की मूर्ति को लेकर| दलित राजनीति करने वाले नेताओ ने डॉ अम्बेडकर को कभी मूर्ति तो कभी नाम को लेकर हंगामा मचाकर राजनीति में वोट बटोरने के मुद्दे के रूप में ज्यादा बदल दिया| दलित राजनीति करने वाले नेताओ ने भी उन्हें महापुरुष के मुकाबले वोट बटोरने के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया है|
संसद में कपिल सिब्बल ने इसे देश भर की NCERT की किताबो से हटाने की घोषणा की है|