छापे में अवैध नर्सिंग होम पकड़ कर छोड़ा- सीएमओ कमलेश सवालों के घेरे में

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फर्रुखाबाद: बुधवार को जिलाधिकारी जनपद से बाहर थे| मगर अधिनस्थो पर नजर थी| नगर मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कमलेश कुमार छापा मार रहे थे| सीओ सिटी सुरक्षा के साथ लेकर चले| बिना ताम झाम के छापे का क्या मतलब| दूसरी तरफ जिला पूर्ती अधिकारी चतुर्वेदी भी छापमै पर निकले| मीडिया भी साथ साथ| देर शाम तक चतुर्वेदी ने कम से कम ठिलिया खोमचे और एक बड़ी मिठाई की दुकान मिलकर १७ सिलेंडर पकड़ लिए| बस काम पूरा| किसी एजेंसी या गोदाम पर जाकर जनता से पूछने की जहमत नहीं उठायी कि गैस ठीक ठाक मिल रही है नहीं| खैर उनके खाते में कुछ तो हो गया|

मगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तो कमाल का छापा मारा| कुछ दुकानों पर छापा मारा| एक आध नर्सिंग होम गए और मीडिया ने उकसाया तो याकूतगंज में कलावती नर्सिंग भी पहुचे| वकौल मुख्य चिकित्सा अवैध चलता पाया| मौके पर मीडिया को बयान रिकॉर्ड कराया| कमलेश कुमार बोले नर्सिंग होम अवैध है इसे सील किया जायेगा| कराते भी कैसे न मीडिया सब कुछ देख जो रही थी| बड़ा सा नर्सिंग होम| आपरेशन कि सुविधा उपलब्ध मगर न कोई फार्मासिस्ट और न कोई डॉक्टर| मरीज जरुर 5-6 भर्ती मिले| कमलेश कुमार में मरीजो से सरकारी अस्पताल में इलाज क्यूँ नहीं कराया पुछा तो जबाब जो मिला उसे मुहावरे की भाषा में “जूता मारना” कहते है| मरीज बोले वहां दवा मिलती नहीं, बाहर की दवा लिखते है और वो महगी पड़ती है| बात बात पर पैसे मांगे जाते है| जब पैसे ही खर्च करने है तो यहाँ क्या बुरा है| बेशर्मी का लबादा ओढ़े स्वस्थ्य विभाग के पास कोई जबाब नहीं था| मौके पर नर्सिंग चलाने वाला शख्श मिला| उसे सीएमओ साहब ने छोड़ दिया| सीओ साहब बोले अवैध चल रहा है तो मुकदमा लिखो मगर सी एम् ओ साहब को लगता है मुर्गा मिल गया था| जो आदमी मौके पर कोई कागज नहीं दिखा सका उसे कल तक की मोहलत देर शाम तक कमलेश कुमार ने दे दी थी| देर शाम कमलेश कुमार मीडिया में पलट गए बोले पहले जाँच होगी गड़बड़ी मिली फिर कारवाही| पैसे अपुष्ट सूत्रों से मिली खबर ये है कि ये नर्सिंग वाला स्वस्थ्य विभाग के उस कर्मचारी/अफसर को समय से महीना देता है जिसके पास झोला छाप डाक्टरों पर कारवाही करने का अधिकार है|

यानि चोर को मौका दिया गया अपनी चोरी छिपाने का| कल तक सब कुछ ठीक पाया जायेगा| कमलेश कुमार की ये पहली हरकत नहीं है| इससे पहले भी वो ऐसे कारनामे करते रहे है| मगर इन सबके पीछे भ्रष्टाचार है या कोई राजनैतिक दबाब या बंधी बधाई माहवार अवैध वसूली ये कमलेश कुमार और उनकी टीम से बेहतर कोई नहीं जान सकता|

नक़ल करने चले थे डीएम मुथु कुमार स्वामी की| उस अफसर की जो हर छापे में दो चार को नाप आता हो| यानि भ्रष्टाचार की गुंजाईश ही न रखता हो| सीएमओ साहब छापे का मतलब ही जाँच करना होता है| कोल्ड ड्रिंक पीकर इशारो इशारो में सब कुछ समझ सबकी नजरो में न हो ऐसा हमेशा नहीं होता| कुछ तो ईमान रखो| डीएम साहब से न सही भगवान से तो डरो| ये भगवान भी हमेशा साथ नहीं देगा|