सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हज यात्रा के लिए सब्सिडी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हज यात्रा के लिए सब्सिडी दिया जाना गलत है। कोर्ट ने केंद्र की नीति को गलत ठहराया है।
न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि अगले 10 वर्षों के भीतर हज यात्रियों की सब्सिडी को बंद कर दिया जाए। केंद्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने इसका दायरा बढाते हुए हज यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी की सरकारी नीति की वैधता को जांचने का फैसला किया।
सुनवाई के दौरान केंद्र ने हज यात्रियों को सब्सिडी देने की नीति का बचाव किया और कहा कि लोगों को जीवन में एक बार सब्सिडी देने के लिए उसने दिशानिर्देश तैयार किए हैं । अपने शपथ-पत्र में केंद्र ने न्यायालय को बताया कि नये दिशानिर्देश बनाए गए हैं ताकि उन आवेदकों को प्राथमिकता दी जाए जिन्होंने कभी हज नहीं किया। हालांकि सरकार ने 2012 में हज सब्सिडी पर किए गए खर्च की राशि का खुलासा नहीं किया और कहा, 2012 के लिए हज कमिटी के माध्यम से हज यात्रियों को मिलने वाली यात्रा सब्सिडी का वास्तविक आंकड़ा हाजियों की यात्रा पूरी होने और उनके भारत लौट कर आने के बाद ही मालूम चलेगा ।
शीर्ष न्यायालय ने इससे पहले हाजियों के साथ जाने वाले आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल को भेजने की प्रथा पर भी नाखुशी जाहिर की थी और केंद्र को हज सब्सिडी और इसकी अर्हता का सारा ब्यौरा जमा करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा यह जरा भी प्रासंगिक नहीं हैं।