सभी मास्टर साहब छुट्टी पर, परीक्षा केन्सिल और कागजो पर MDM बन गया

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फर्रुखाबाद: जनपद में बेसिक शिक्षा का हाल यह है कि शिक्षा के नाम पर अब मात्र नकल की पाठशालायें चलायीं जा रही है। वैसे भी प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में परीक्षा के लिए प्रशासन की ओर से पर्याप्त पेपर उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। जिससे अध्यापकों को बोर्ड पर प्रश्न लिखकर ही परीक्षा करानी पड़ रही है। वहीं अध्यापक प्रश्न के साथ-साथ उत्तर भी ब्लैकबोर्ड पर लिख देते हैं। जिससे बच्चों को भी उतारने में दिक्कत नहीं हो रही है।
कायमगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर का हाल तो यह है कि यहां मंगलवार को मास्टर साहब छुट्टी पर रहे| पूरे स्कूल में इकलौते मास्टर है जिनके कंधे पर स्कूल चलने की जिम्मेदारी है| परीक्षाये चल रही और मास्टर साहब ने छुट्टी कर ली| बच्चे आये और चले गए| स्कूल में तैनात एक मात्र मास्टर संजीव गंगवार से फोन पर जेएनआई ने पूछा कि आज किस विषय की परीक्षा है तो मास्टर साहब ने बताया कि आज वे छुट्टी पर है कल परीक्षा कराएँगे| जब उनसे पूछा गया कि कितने पेपर हो गए बोले थोड़े और कितने बचे है तो बताया कि देखना पड़ेगा| ये सरकारी स्कूल के शिक्षको का हॉल| खुद के मालिक जब चाहे आये जब चाहे न आये| कौन पूछेगे? ऊपर से नीचे तक सब भ्रष्ट है| इसी भ्रष्टाचार में मास्टर साहब भी गोटा लगा लिए तो कौन सा गुनाह कर दिया| कौन पूछेगा जबाब? मगर इन सबसे इतर जो सबसे चौकाने वाली बात है वो है कि मास्टर साहब ने स्कूल गए बिना मिड डे मील के रिकॉर्ड में दर्ज कराया- 21 बच्चो ने खाना खाया| वैसे जनाब खुद को पत्रकार बताते है और इसी कि बदोलत गड़बड़ झाले में छूट की चाहत भी रखते है|

कायमगंज विकासखण्ड क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धरमपुर में कुल 60 बच्चे पंजीकृत हैं। संजीव कुमार गंगवार यहां प्रधानाध्यापक हैं। मास्टर साहब से पूछा कि कितनी परीक्षा हो गयी तो मास्टर साहब बोले मालूम नहीं अब स्कीम में देखना पड़ेगा। वहीं सोमवार को यहां पर कक्षा 8 के बच्चे गाइड रखकर नकल कर रहे थे। सभी अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय छोड़कर प्राथमिक विद्यालय में बैठे थे। बच्चों का आलम यह था कि सारे विद्यालय में अव्यवस्था का माहौल था। कक्षा आठ के बच्चे सही से नकल तक नहीं कर पा रहे हैं।

जहां पूरे जनपद में आज प्राइमरी विद्यालयों में संस्कृत/ उर्दू का पेपर कराया गया वहीं विकासखण्ड शमशाबाद के प्राइमरी विद्यालय लोहापानी में कक्षा पांच के छात्रों को गणित का पेपर कराया गया। प्रधानाध्यापक महेन्द्रपाल सिंह ने बताया कि मुझे स्कीम प्राप्त न होने की बजह से ऐसे ही परीक्षा करा रहे हैं।

विकासखण्ड शमशाबाद क्षेत्र के ही प्राइमरी विद्यालय चिलसरा में प्रमोद कुमार सहायक अध्यापक विद्यालय के बाहर बैठे थे। पूछने पर बताया कि चाबी घर पर भूल गये। रामपाल सिंह शिक्षामित्र व विमलेश सिंह अनुपस्थित मिले। 8 बजकर 40 मिनट तक विद्यालय नहीं खुला। बच्चे बाहर खेल रहे थे।

प्राइमरी विद्यालय भगौतीपुर में प्रधानाध्यापक रेखा, सहायक अध्यापक राजेश कुमारी, बबिता तैनात हैं। वहीं कर्मबीर  अवकाश पर चल रहे हैं। कुल छात्र संख्या 153 है।
प्राइमरी विद्यालय जिजपुरा प्रधानाध्यापक सुमन सिंह, सहायक अध्यापक कुमारी पिंकी, रामविलास शिक्षामित्र तैनात है। रामविलास प्रतिदिन लेट आते हैं। स्नेहलता शिक्षामित्र तैनात हैं। आगनबाड़ी केन्द्र में सहायक उर्मिला अनुपस्थित मिली। वहीं मुख्य सचिव की जगह रजिस्टर में आंगनबाड़ी सहायक के हस्ताक्षर हैं।

प्राइमरी विद्यालय लखनपुर, मुबारिकनगर में हरेन्द्र कुमार प्रधानाध्यापक हैं। संगीता सिंह सहायक अध्यापक हैं। संगीता सिंह अवकाश पर चल रहीं हैं। शिक्षामित्र कैलाशचन्द्र,  कुमारी शबनम यादव विद्यालय में उपस्थित मिले।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय लखनपुर में इंचार्ज प्रधानाध्यापक अंजली शर्मा, जैसमिन स्वरूप सहायक अध्यापक तैनात हैं। विद्यालय में कक्षा 8 के छात्रों का अंग्रेजी का पेपर था। सभी बच्चे गाइड रखकर नकल करते मिले। पूछने पर अंजली शर्मा कुछ जबाव न दे सकीं। बोली बच्चे हैं।

प्राइमरी विद्यालय मंसूर नगर में प्रधानाध्यापक ऋषी कुमार, संगीता सहायक अध्यापक, गजेन्द्र शिक्षामित्र पद पर तैनात हैं। कुल छात्र संख्या 198 हैं। कक्षा पांच में 13 बच्चे हैं।

विकासखण्ड शमशाबाद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रमापुर जसू में प्रधानाध्यापक साहिस्ता परवीन 8 बजकर 15 मिनट पर विद्यालय में पहुंची। सहायक अध्यापक अशोक कुमार मौजूद थे।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिलसरा में वीरेन्द्र कुमार प्रधानाध्यापक, संगीता सक्सेना 9 बजे विद्यालय में आये।

प्राइमरी विद्यालय प्रहलादपुर संतोषपुर में प्रधानाध्यापक रीता पाण्डेय, आलोक कुमार सहायक अध्यापक, जयप्रकाश सहायक अध्यापक, अशोक कुमार शिक्षामित्र पद पर तैनात हैं। वहीं रेखा राजपूत शिक्षामित्र अनुपस्थित मिलीं।

प्राइमरी विद्यालय सेहरइया में प्रधानाध्यापक कृष्णपाल सिंह अवकाश पर चल रहे हैं। सहायक अध्यापक उपेन्द्र कुमार, राजू कनौजिया शिक्षामित्र, मधू राजपूत शिक्षामित्र मौजूद थे। कुल छात्र संख्या 90 है। लेकिन मात्र 45 बच्चे ही उपस्थित थे।

प्राइमरी विद्यालय लोहापानी में प्रधानाध्यापक अपर्णा राजपूत, सहायक अध्यापक शशी चौधरी, सर्वेश कुमार शिक्षामित्र, विनीता दुबे शिक्षामित्र तैनात हैं। कुल छात्र संख्या 62 में मात्र 38 छात्र छात्रायें उपस्थित थे। वहीं मिड डे मील में 7 किलो गेहूं व 21 किलो चावल ही एक महीने में दिये जाते हैं। जिससे अधिकतर दिनों में चावल ही बनाने पड़ते हैं।

तो यह है जनपद के प्राइमरी विद्यालयों की बानगी। जिनमें किसी में बच्चे नहीं हैं किसी में मास्टर साहब गायब हैं। कहीं मिड डे मील बनता नहीं है तो कहीं मिड डे मील के लिए राशन नहीं है। शिक्षा के नाम पर प्राइमरी विद्यालय इतने पिछड़ गये हैं कि यह बदतर व्यवस्था अभी तो सुधरती नहीं दिख रही है। वहीं जिला प्रशासन भी इस ओर कान पर गुट्टी रखकर बैठ गया उसे न कुछ सुनाई देता न दिखायी। जैसा चलता है चलने दो।

अब अधिकारियों के बच्चे तो इन प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ते नहीं सो उन्हें चिंता हो। उन्हें तो बस टॉप क्लास मान्टेसरी से मतलब है जहां उनके बच्चे पढ़ते हैं। अब प्राइमरी विद्यालयों में गरीब मजलूमों के बच्चे जाते हैं सो उन्हें कौन देखने वाला। काश! इन प्राइमरी विद्यालयों में बीएसए व एडीबेसिक के बच्चे भी पढ़ रहे होते और बच्चा कक्षा 8 में पहुंचते-पहुंचते गिनती/पहाड़े तक ढंग से नहीं सीख पाता तो इन्हें पता चल जाता कि प्राइमरी विद्यालयों का वास्तविक हाल क्या है।