कमालगंज (फर्रुखाबाद): बीते दिन ही जनपद का चार्ज संभालने वाले नये जिलाधिकारी मुथु कुमार स्वामी ने आते ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की बात कही है लेकिन अब देखना है कि शिक्षा विभाग में किये जा रहे भ्रष्टाचार को कहां तक खत्म कर पायेंगे। वैसे तो जनपद के शिक्षा विभाग की हर लाट में ही सांट है लेकिन विकासखण्ड कमालगंज के प्राथमिक विद्यालय मिथपुरा में क्षेत्र का ही निवासी प्रधानाध्यापक लाखों का गोलमाल कर शिक्षा विभाग को चूना लगा रहा है। मिथपुरा में वर्षों से तैनात प्रधानाध्यापक अशोक कुमार ने न ही स्थानांतरण के बाद दूसरे प्रधानाचार्य को चार्ज दिया और न ही तकरीबन 6 माह से शिक्षामित्रों को मानदेय। अब देखना यह है कि नये जिलाधिकारी कार्यवाही करा पाते हैं या नहीं।
गुरू एक आस्था का प्रतीक माने जाने वाला पद है इसका हर व्यक्ति आज भी सम्मान करता है। लेकिन समय के साथ-साथ गुरू ने अपना रूप और चरित्र बदल लिया। अब गुरू ही गुरू का खाने को उतारू हैं और यह भी बात सत्य है कि इस बात की जानकारी महागुरुओं को भी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गयी। शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया कि एबीएसए से इस सम्बंध में शिकायत की लेकिन पैसे के आगे कोई नहीं बोलता।
प्राथमिक विद्यालय मिथपुरा में वर्षों से तैनात क्षेत्रीय निवासी प्रधानाध्यापक अशोक कुमार अपनी दबंगई के चलते कानपुर से प्रमोशन पर प्रधानाध्यापक के पद पर आयीं सलोनी श्रीवास्तव को चार्ज नहीं दिया है।
वहीं शिक्षामित्र रेखा व नीलू को बीते 6 माह से अब तक प्रधानाध्यापक अशोक कुमार ने मानदेय नहीं दिया। शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक ने उनके मानदेय को बैंक खाते से निकालकर अपने निजी कार्यों में खर्च कर लिया है। रसोइया इच्छाराम व नन्हींदेवी का भी मानदेय नहीं मिला है। सितम्बर माह से अब तक मिड डे मील भी नहीं बन रहा है।
यहीं नहीं इंचार्ज अशोक कुमार ने विद्यालय की बाउंड्री बाल बनवाने के लिए बजट में आया पूरा रुपया निकाल लिया लेकिन अभी तक बाउंड्री बाल को पूर्ण नहीं कराया गया है। शिक्षामित्र रेखा व नीलू ने आरोप लगाया कि एबीएसए सुमित कुमार से मौखिक शिकायत की थी। जिस पर एबीएसए फरवरी माह में विद्यालय में आये थे लेकिन प्रधानाध्यापक के पास कुछ देर बैठे रहे और वापस लौट गये। आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं स्कूल के रसोईघर में ताले पड़े हुए हैं। विद्यालय की पुताई वर्षों से नहीं करायी गयी है। शौचालय भी गंदगी से पटे हैं।
प्रधान राजकुमारी से फोन से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनके पति बीमार हैं जो लखनऊ में हैं जिससे देवर अनूप विकास कार्य देख रहे हैं। अनूप कुमार ने बताया कि एक बार प्रधानाध्याक ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कराने आये थे लेकिन प्रधान ने मना कर दिया।
वहीं जानकारी के अनुसार ग्राम शिक्षा निधि के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक रजीपुर में खाता संख्या 5434 है। ब्रांच मैनेजर से जानकारी करने पर बताया गया कि खाते का संचालन बराबर हो रहा है। शिक्षामित्रों का भी पैसा निकाला जा चुका है मात्र 1900 रुपये खाते में शेष हैं।
एबीएसए सुमित कुमार ने बताया कि यदि बाउन्ड्रीबाल पूर्ण नहीं हुई और रुपया निकाल लिया गया व शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिला तो इसकी जांच कर कार्यवाही की जायेगी।
कानपुर से पदोन्नति पर आयीं प्रधानाध्यापक सलोनी श्रीवास्तव से बात करने पर उन्होंने बताया कि वह 8 दिसम्बर को विद्यालय में आ गयीं थीं लेकिन लगातार कानपुर से आकर अशोक कुमार से चार्ज मांग रही हैं लेकिन अब तक उन्होंने चार्ज नहीं दिया। प्रधानाचार्य क्षेत्रीय है इसलिए वह कुछ नहीं कह सकतीं। वह तो बस कानपुर से आ जाती है बाकी शिक्षा विभाग जाने और अशोक कुमार जानें।
जनपद का कल ही कार्यभार संभालने वाले नये जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने आते ही कह दिया कि शिक्षा विभाग के माफियाओं व भ्रष्ट शिक्षकों की खैर नहीं। लेकिन अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग में हो रहे लाखों के घपले व घोटाले में डीएम साहब क्या कार्यवाही कर पाते हैं।