एक दिन की निजी यात्रा पर भारत पहुंचे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का पीएम आवास पर प्रधानमंत्री ने बेहद गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इससे 12:11 बजे दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उनका काफिला सीधे पीएम हाउस की तरफ रवाना हो गया। उनके साथ उनका पुत्र बिलावल और उनकी बेटी आसिफा भी आई हैं। इसके अलावा आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर और राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी भी शामिल हैं।
पीएम आवास पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति जरदारी के सम्मान में भोज का आयोजन किया है। इस भोज में प्रधानमंत्री ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज शामिल होंगी। जियारत के लिए रविवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भारत आए हैं। अजमेर शरीफ में जियारत के पहले वह दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुलाकात करेंगे। दोपहर भोज से पहले होने वाली बातचीत रिश्तों की नई चाल तय करेगी। पहली बार ऐसा हो रहा है कि दोनों राष्ट्र प्रमुख अकेले करीब चालीस मिनट तक बात करेंगे। इस बातचीत के कोई मिनट्स किसी को नहीं दिए गए हैं कि इस बीच क्या बातचीत होगी।
भारत-पाकिस्तान रिश्तों में वार्ता प्रक्रिया बहाल होने के बाद पहली बार यह शिखर मुलाकात होने जा रही है। जिसमें नतीजों की समीक्षा के अलावा नए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दायरे भी तय होने हैं।
प्रधानमंत्री बीते दिनों यह संकेत दे चुके हैं कि अगर ठोस नतीजों का भरोसा हो तो वो पाकिस्तान जा सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि चर्चा में दोनों नेता अपने कार्यकाल के दौरान कुछ ठोस नतीजों को शक्ल देने का भी प्रयास कर सकते हैं। महत्वपूर्ण है कि सितंबर 2008 में राष्ट्रपति बने आसिफ अली जरदारी का कार्यकाल 2013 में समाप्त हो रहा है वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल 2014 तक है। साथ ही यह भी संयोग है कि दोनों ही देशों में सरकारें मुश्किल के दौर से गुजर रही हैं। ऐसे में अगर दोनों ओर से सरहद पार दोस्ती और अमन का कार्ड चला जाए तो कोई अचरज नहीं होगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात और भोज के बाद जरदारी एक विशेष विमान से जयपुर के लिए रवाना होंगे। यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री को अपने यहां आने का न्योता दिया गया है लेकिन मनमोहन सिंह की यात्रा को लेकर एक समय सीमा की पेशकश पहली बार की गई है। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने मनमोहन सिंह के साथ हुई संक्षिप्त बैठक के दौरान उन्हे अपने देश आने का न्योता दिया था। इस पर मनमोहन सिंह ने कहा था कि कुछ ठोस नतीजे निकलने पर ही वह पाकिस्तान का दौरा करेगे।
वहीं, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए रविवार को यहां पहुंच रहे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की सुरक्षा के चाक चौबंद बंदोबस्त किए जा चुके हैं। राजस्थान पुलिस के सशस्त्र जवान अजमेर की गलियों, दरगाह की छत और उसके आस-पास तैनात कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के 16 अधिकारी अपने राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तानी अधिकारी अब्दुल जाबरी के हाथ में होगी।
जरदारी, उनके बेटे बिलावल भुंट्टो, पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक के साथ दरगाह में आधा घंटा रुकेंगे। राष्ट्रपति विशेष विमान से जयपुर के सांगानेर हवाईअड्डे पर उतरेंगे, इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से अजमेर शहर पहुंचेंगे। भारतीय वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर उन्हें लेकर घुघरा हेलीपैड पर करीब चार बजे उतरेंगे। यहां से 12.3 किलोमीटर की यात्रा करके वे सभी दरगाह पहुंचेंगे और शाम सवा छह बजे वापस जयपुर लौट जाएंगे। भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर इस दौरान उनकी सुरक्षा में हवाई मार्ग पर नजर रखेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दरगाह क्षेत्र के कमरों को बंद करने का काम शुक्रवार से ही शुरू कर दिया गया है। जिला मुख्यालय में पहली बार राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम खोला गया है और जयपुर जोन के इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने दरगाह जाने वाले हर रास्ते की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले रखी है। फूल ले जाने वाले से लेकर, सफाई कर्मचारी तक, खादिमों से लेकर दरगाह कमेटी में काम करने वाले कर्मचारियों तक पर नजर रखी जाएगी। पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी भी इन लोगों की अपने स्तर पर जांच करेंगे।