विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर लोहिया अस्पताल के डाक्टरों के घर रोशन, मरीज बेहाल

Uncategorized

फर्रुखाबाद: कल जहां पूरे विश्व में स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विभिन्न बीमारियों से निजात पाने के लिए लोगों में जागरूकता लाने व स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए तरह-तरह के उपाय किये जा रहे हैं वहीं जनपद के लोहिया अस्पताल का हाल यह है कि यहां गंभीर बीमारियों के इलाज की बात तो दूर सामान्य बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों को अंधेरे में भिन भिनाते मच्छरों में ही रहकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है। जहां एक ओर अस्पताल के डाक्टरों के घरों में जनरेटर धड़धड़ा रहे हैं वहीं लोहिया अस्पताल के बार्डों में हाथ पैर टूटने से असहाय हो चुके मरीज  बेबसी में रात में घंटों गर्मी में सड़ने को मजबूर हैं। उन्हें तो स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े त्यौहार विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में भी शायद याद न हो।

लोहिया अस्पताल के अंदर आये दिन मरीजों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार से सभी लोग भलीभांति परिचित हैं। बीते दिन ही लोहिया अस्पताल में एक नर्स ने बार्ड में भर्ती मरीज के द्वारा सिर्फ साफ चादर मांग देने पर बबाल खड़ा कर दिया। जिससे वह मरीज आज भी उसी गंदी चादर पर लेटा है। यह कोई विशेष बात नहीं है। यह नर्सों व डाक्टरों के लिए आम बात है। आये दिन मरीज लोहिया अस्पताल के  डाक्टरों और नर्सों के दुर्व्यवहार से पीड़ित हैं। कल होगा तब होगा लेकिन विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर स्वास्थ्य विभाग के जागरूक होने का नजारा तस्वीरों से साफ नजर आ रहा है।

जहां एक ओर लोहिया अस्पताल के डाक्टरों के घरों पर तो जनरेटर धड़धड़ा रहे हैं लेकिन इन बेचारे मरीजों को मोमबत्ती जलाकर अपने बार्डों में रोशनी करनी पड़ रही है। यह हाल आज का नहीं है, लोहिया अस्पताल में जनरेटर न चलने की शिकायतें पहले भी कई बार हो चुकी हैं और ठंडे बस्ते में डाली जाती रही हैं।

लोहिया अस्पताल में भर्ती मरीज छिबरामऊ निवासी महेश, टाउनहाल निवासी राजू, अण्डियाना निवासी जितेन्द्र ने बताया कि हम लोग पैर टूटने से अपाहिज हो गये हैं। इससे अब हमें महीनों लोहिया अस्पताल में ही गुजारने होंगे। बीते कई दिनों से यह लोग लोग लोहिया में भर्ती हैं। मरीजों का कहना है कि रात में बिजली जाने के बाद हम लोगों को घंटों बार्ड के बैड पर मच्छरों के साथ जूझते हुए गुजारने पड़ते हैं। लेकिन इस बात की कोई खबर लेने वाला नहीं।