फिर आई गरीबों के फ्रिज की बहार

Uncategorized

फर्रुखाबाद: तेज धूप और गर्मी से अब रोड पर लोग छाता लेकर निकलने लगे हैं। बढ़ती गर्मी से आदमी को अब खासी परेशानी हो रही है। गर्मी आते-आते जहां इलेक्ट्रानिक दुकानों पर लोग फ्रिज और एसी के रेट पूछने लगे हैं वहीं देशी ठंडक का एहसास पाने के लिए लोग गरीबों के फ्रिज (मिट्टी के घड़े) खरीदने लगे हैं। इसी बहाने मिट्टी के घड़े बनाने वाले कुम्हारों के चाक भी तेजी से घूमने लगे हैं।

गर्मी आते ही बाजारों में जहां एक तरफ मिनरल वाटर व कोल्डड्रिंक की विक्री में अचानक तेजी आई है वहीं कच्चे घड़ों की भी विक्री शुरू हो गयी है। लोग मिनरल वाटर का पूरा फायदा कच्चे घड़े से ही उठाने के चक्कर में बड़े ही शौक से घड़े खरीद रहे हैं। जमाना चाहे जितना भी बदल गया हो लेकिन अभी भी लोग मटके के पानी के शौकीन हैं। जानकार लोग बताते हैं कि घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए फ्रिज के पानी से कई गुना लाभदायक है।

बाजारों में जगह-जगह बिक रहे मिट्टी के घड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ इन दिनों हटने का नाम नहीं ले रही है। जिससे कुम्हार भी मनमुताबिक दामों में देशी फ्रिज बेच रहे हैं।  मटका आज से ही नहीं वल्कि हजारों वर्ष पूर्व से ही मानव का पसंदीदा पात्र बना है। जो आज भी लोगों को खूब भा रहा है।