फर्रुखाबाद: केन्द्र सरकार द्वारा सर्राफा व्यापारियों पर लगाये एक एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क के विरोध में सर्राफा व्यापारी बीते 17 मार्च से हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका केन्द्र सरकार पर भी कोई असर नहीं हुआ। हो भी कैसे हड़ताल कर रहे सर्राफा व्यापारी ही एकमत नहीं है। अधिकांश सर्राफा व्यापारियों ने कभी भी व्यापार बंद किया ही नहीं है और ग्रामीण व कस्बा क्षेत्रों में तो सर्राफा व्यापारी बिलकुल खुला खेल फरक्काबादी अपना रहे हैं। अब नगर में व्यापारियों में एकजुटता न होने से हड़ताल पूरी तरह फ्लाप हो चुकी है। इसका खुलासा जेएनआई द्वारा बीते दिनो ही एक स्टिंग आपरेशन में कर दिया गया था।
व्यापारी नेता व स्वर्णकार संगठन के पदाधिकारी व्यापारियों की एकजुटता न होने की कलई खुलने के बाद उस पर चाहे जितना पर्दा डालने का प्रयास करें लेकिन यह बात तो सच है कि झूठ ज्यादा देर तक नहीं छिपता। व्यापारियों की फूट का अंदाजा तो तस्वीरों से ही लगाया जा सकता है। व्यापारियों और सरकार के बीच चल रहे दो सप्ताह से अधिक के घमासान अब बगैर मांगे पूरी हुए ही फ्लाप होता नजर आ रहा है। कई सर्राफा व्यापारी धड़ल्ले से प्रति दिन दुकानें खोलकर आभूषणों पर गैस बेल्डिंग कर रहे हैं। लेकिन हड़ताल फिर भी जारी है। काम कहीं नहीं हो रहा है यह कहना है व्यापार मण्डल के उच्च पदाधिकारियों के।
कमालगंज, मोहम्मदाबाद, कायमगंज, अमृतपुर आदि में तो बंदी के पहले व दूसरे दिन से ही बंदी को लेकर व्यापारी नेताओं में विवाद हो गया था। शुरूआत में दो चार दिन तो बाकई में ऐसा लगा कि अब व्यापारी मांगे पूरी करके ही मानेंगे। एक ही वित्तमंत्री की कई बार चिता जलाकर, तेरहवीं कर, अस्थियां तक विसर्जित कर दी गयीं। लेकिन फिर भी वित्तमंत्री की आत्मा को शांति प्रदान नहीं कर पाये।
अब व्यापारी अखबारों में छपने के लिए कपड़े उतारकर अर्द्धनग्न प्रदर्शन कर रहे हैं और पर्दे के पीछे सारा कारोबार चला रहे हैं। हड़ताल से लेकर आज तक तकरीबन 19 दिन हो गये तो कुछ व्यापारियों का तो धैर्य टूट गया। तभी शायद वह संगठन पदाधिकारियों को दरकिनार कर दुकानें खोलकर बैठ गये।
आज नगर के लगभग एक दर्जन सर्राफा व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोलकर कारोबार किया। तो देखकर यह विश्वास कोई भी नहीं कर सकता कि यह हड़ताल पर हैं। जो भी हो खुला खेल फरक्काबादी व्यापारियों की हड़ताल फ्लाप हो चुकी है।
व्यापार मण्डल के प्रदेश मंत्री अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने बताया कि जो लोग हड़ताल के बाद भी दुकानें खोल रहे हैं यह सही नहीं है। उनको इस तरह का कृत्य बिलकुल भी शोभा नहीं देता।