फर्रुखाबाद : 14 अप्रैल से शादी की शहनाई फिर से सुनाई देने लगेगी क्योंकि मीन मल मास 13 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। मल मास समाप्त होने से एख बार फिर लग्न मंडप में मंत्र गूजेंगे, शहनाई बजेगी और सड़कों पर बारातें दिखाई देंगी। १७ मार्च से अब तक तो बिना सहलग के खूब व्यापारियों ने आंदोलन कर केन्द्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। ऐसे में सर्राफा व्यापारियों द्वारा किया जा रहा अनशन क्या १४ अप्रैल के बाद बाद भी जारी रहेगा। ये देखने वाली बात है।
ज्योतिषियों के अनुसार इस समय सूर्य मीन राशि में है इसलिए मीन मलमाल चल रहा है। 13 अप्रैल को मीन मलमास समाप्त होगा और 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो 30 जून को देवशयनी एकादशी तक शादियों की धूम रहेगी लेकिन इस बीच गुरु व शुक्र अस्त होने के कारण कुछ समय मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे।
इस दौरान नहीं होंगे मांगलिक कार्य
25 अप्रैल के बाद शादी के श्रेष्ठ मुहूर्त नहीं है। 3 से 28 मई तक गुर तारा अस्त रहेगा। 1 से 11 जून तक शुक्र तारा अस्त होने से इस अवधि में भी विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
ये हैं विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार विवाह के लिए 18, 24, व 25 अप्रैल तथा 24, 27 व 29 जून के लग्न में कोई दोष नहीं है इसलिए ये सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त हैं। 24 अप्रैल को अक्षय तृतीया होने से इस दिन बिना किसी मुहूर्त के भी विवाह किए जा सकते हैं।
लोगों का मानना है कि १७ मार्च से अब तक बिना सहलग के दिनों तक में कुछ सर्राफा व्यापारियों की दुकानें खुली रही। जब १४ अप्रैल से सहलग शुरू हो जायेगी तब क्या यही व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर आंदोलन में भाग लेंगे। यह वक्त ही बतायेगा कि सर्राफा व्यापारी सरकार पर अपनी मांगें मनवा पाते हैं या नहीं।