पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने रिश्वत की पेशकश मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर सेनाध्यक्ष और सरकार दोनों को समान रूप से दोषी मानते हुए जनरल वीके सिंह को जबरन अवकाश पर भेजने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने आरोप लगाया था कि एक अनुबंध को मंजूरी देने के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई जिसके बारे में उन्होंने रक्षा मंत्री को सूचित किया था।
जनरल सिंह के 14 करोड़ रुपये के घूस देने के प्रस्ताव संबंधी आरोप पर टिप्पणी करते हुए उन्होने कहा कि मेरा नजरिया है कि मंत्री और सेना प्रमुख दोनों कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं। पूछे जाने पर कि क्या सेना प्रमुख को बर्खास्त या उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा जाना चाहिए, मिश्र ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो कुछ और भी हो सकता है। मिश्र ने कहा कि उनसे कहा जाना चाहिए कि आप सरकारी वेतन पर दो महीने की छुट्टी लीजिए और फिर वेतन लीजिए और घर जाइए।
प्रधानमंत्री को लिखे जनरल के पत्र के लीक होने के बारे में मिश्र ने सेना प्रमुख के करीबी सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूं, ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो इस तरह का कुछ लीक करें। मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता कि प्रधानमंत्री कार्यालय में किसी नौकरशाह ने इसे बाहर दिया हो। इसलिए अगर जनरल ने इस पत्र को खुद लीक नहीं किया है तो हो सकता है कि उनके किसी दोस्त ने ऐसा किया हो।
सेनाध्यक्ष की थ्री कार्प्स कमाडर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सुहाग के खिलाफ सीबीआई जाच कराने की सिफारिश पर उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।