मोदी सरकार पर साढे छब्बीस हजार करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप

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महालेखा नियंत्रक की रिपोर्ट विधानसभा में पेश न करने के विरोध में अन्ना हजारे ने खुलकर बोला है। हंगामा कर रहे कांग्रेस के सभी विधायकों को समूचे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिये जाने पर राज्यपाल डा. कमला ने कैग रिपोर्ट पर विधानसभा सचिव को तलब किया, जिसके बाद सरकार ने 30 मार्च को रिपोर्ट पेश करने के संकेत दिए हैं।

गौरतलब है कि कैग गुजरातसरकार पर साढे छब्बीस हजार करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगा चुकी है। वहीं नेता विपक्ष गोहिल के मुताबिक मोदी सरकार गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन जीएसपीएल के पांच हजार करोड़ रुपए डुबाने की भी दोषी है। सरकार ने केजी बेसिन में तेल व गैस खोज के नाम पर यह खर्च किया जबकि महंगे दाम पर खरीदी गई गैस औद्योगिक समूह अदाणी को सस्ते दाम पर देकर सरकारी खजाने को 70 करोड़ का चूना लगाने का भी आरोप सरकार पर लग रहा है।

सरकार पर हमले में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे कांग्रेस के खासे मददगार साबित हो रहे हैं, गत वर्ष अन्ना ने गुजरात दौरे के दौरान उद्योग समूहों को दी गई रियायतों एवं सस्ती जमीनों के मामले में जनसुनवाई करने के बाद मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा था कि यह तो घोटालों का गुजरात है। वहीं अंग्रेजी व देशी शराब की उपलब्धता पर टिप्पणी करते हुए अन्ना ने कहा था यहां दूध से ज्यादा शराब मिलती है। सामाजिक संगठन पीयूसीएल ने अन्ना के बयानों व मीडिया रिपोर्ट पर आधारित सौ पेज की एक पुस्तिका भी प्रकाशित की थी।

अन्ना के बहाने अब कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने में जुटी है। कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने अहमदाबाद में करीब 20 स्थलों पर देशी शराब बनाने की भट्टियों के नाम पते के साथ एक सूची जारी कर सरकार पर हमला बोला है। शेख ने आरोप लगाया है कि गुजरात शराब के नशे में वाईब्रेंट हो रहा है जबकि सरकार इसे उद्योगों व विकास से वाईब्रेंट होना बता रही है।

प्रदेश के विधानसभा चुनाव चालू वर्ष के दिसंबर माह में होने वाले हैं ऐसे में कांगेस राज्य सरकार पर हमलावर है। मोदी सरकार को घेरने का कोई मुद्दा वह हाथ से जाने देने को तैयार नहीं है। बजट सत्र के प्रारंभ से कांग्रेस विधानसभा में पूरी रणनीति के साथ उतरी लेकिन सीधे मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद नेता विपक्ष सदन से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिए गए इसके बाद अब कांग्रेस के सभी विधायक निलंबित हो गए हैं।

कांग्रेस विधायकों के ज्ञापन के बाद कैग मामले में राज्यपाल डा. कमला ने विधानसभा सचिव को तलब किया है इसी बीच सरकार ने आगामी 30 मार्च को कैग रिपोर्ट पेश करने के संकेत दिए हैं, गौरतलब है कि विधानसभा का सत्र 31 मार्च को पूरा होगा।