समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ समय से बदलाव नज़र आ रहे हैं| चाहे इस बार के विधानसभा चुनाव में युवाओं को मिले मौके की बात करें या खुद सीएम अखिलेश यादव की| अब इस बदलाव की फेहरिस्त में सपा की लाल टोपी का नाम भी शामिल हो गया है| वैसे टोपी का रंग तो नहीं बदला है लेकिन इसके मिजाज़ में ज़रूर बदलाव देखने को मिल रहे हैं| इस बदलाव का नजारा रविवार को सीएम अखिलेश यादव के सरकारी आवास में प्रवेश के मौके पर देखने को मिला|
सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं खुद सीएम भी लाल रंग की गांधी टोपी को छोड़ स्पोर्ट्स टोपी में नज़र आये| सीएम ने अपनी कोर टीम के नौजवान साथियों को यह टोपी चुनाव के दौरान भेंट की थी| प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा, “दोनों टोपियों का रंग एक है और भावना भी एक। नए जमाने के युवाओं ने नुकीली लाल टोपी की जगह लाल स्पोर्ट्स कैप खुद पहन ली और नेताओं को भी पहना दी। इसमें हर्ज ही क्या है|”
उन्होंने कहा कि भीड़ से अलग दिखने की चाह के तहत समाजवादियों ने आजादी के बाद से ही सफेद गांधी टोपी की जगह लाल रंग की टोपी पहननी शुरू कर दी थी| यह टोपी उनके समाजवादी होने और जुझारू तेवरों की पहचान हुआ करती थी| सड़कों पर समाजवाद के संघर्ष को लेकर नया इतिहास लिखने वाले राजनारायण से लेकर समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता रामसेवक यादव के संघर्ष के दिनों में भी लाल टोपी उनकी पहचान हुआ करती थी| उनके बाद मुलायम सिंह यादव ने भी इस परंपरा का निर्वहन किया|
अब इसी परम्परा को अखिलेश ने भी आगे बढ़ा रहे हैं| ख़ास बात है कि इन कैप्स में एक बैज लगा रहता है, जिस पर 1992 लिखा होता है| उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना हुई थी|