नई दिल्ली| भारत में कुल कितने मंदिर हैं यह तो सही-सही नहीं बताया जा सकता लेकिन अनुमान के मुताबिक भारत में दस लाख से भी ज्यादा मंदिर ऐसे हैं जिनका सालाना चढ़ावा भारत के बजट के कुल योजना व्यय के बराबर होगा| पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इन मंदिरों की दौलत पर नज़र डाले तो इसमें अच्छा ख़ास इजाफा हुआ है| इन मंदिरों में से हर बार की तरह देश का सबसे ज्यादा दौलतमंद मंदिर तिरुपति बालाजी है|
तिरुपति बालाजी मंदिर में पिछले वर्ष करीब 1700 करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ा था जबकि अन्य संसाधनों से मंदिर की आय 650 करोड़ रुपए थी| बालाजी मंदिर की सालाना कमाई करीब 600 करोड़ रुपए से अधिक है| इस तरह से बालाजी को दुनिया का सबसे धनि देवता कहा जा सकता है| वहीँ दूसरे नंबर पर शिरडी के साईं बाबा का मंदिर है| वर्ष 2011 में इस मंदिर को करीब 401 करोड़ रुपए नगद चढ़ावे के रुप में मिले| इसके साथ ही 36 किलो सोना और 440 किलो चांदी भी चढावे में मिली| वर्ष 2010 की तुलना में यह 20 प्रतिशत अधिक है|
इसके साथ ही तीसरे नंबर पर माता वैष्णों देवी का मंदिर है जिसकी सालाना आय 500 करोड़ रुपए है| पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भी वैष्णों देवी मंदिर के खजाने में भारी इजाफा हुआ है| जबकि चौथे नंबर पर सिद्धि विनायक मंदिर काबिज है| सिद्धि विनायक मंदिर को सालाना 46 करोड़ रुपए दान में मिलते हैं|
भारत के मंदिरों में लोग खुलकर दान करते हैं अभी हाल ही में पद्माभस्वामी मंदिर के तहखाने से करोड़ों की संपत्ति प्राप्त हुई है जो कि इसका जीता-जगाता सबूत है|