शशांक शेखर का राज्य सभा से पत्ता साफ़,माया ने किया नामांकन

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बसपा विधायकों ने उत्तर प्रदेश के पूर्व केबिनेट सचिव को राज्य सभा में भेजने से साफतौर पर इंकार कर दिया है। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा के लिए अपना नामाकन दाखिल कर दिया।

कभी बसपा विधायक अपनी ही सरकार में कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाते थे, उन्हीं विधायकों ने सोमवार को शशांक शेखर सिंह को राज्यसभा में भेजे जाने का खुलकर विरोध किया। विरोध का नतीजा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने शशांक शेखर सिंह को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया। संभावना जताई जा रही है कि मायावती के साथ-साथ मुनकाद अली को राज्यसभा भेजा सकता है। हालांकि विधायकों से बतौर प्रस्तावक जिन नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर कराए गए हैं, उस पर किसी प्रत्याशी का नाम नहीं है।

राज्यसभा की दस सीटों के लिए सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। बसपा के विधायकों की संख्या के हिसाब से उसके दो प्रत्याशी जीत सकते हैं। एक सीट से मायावती की उम्मीदवारी तय मानी जा रही थी। दूसरी सीट के लिए शशांक शेखर का नाम चल रहा था। चूंकि मायावती सरकार में वह मंत्रियों और विधायकों पर भारी थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात से लेकर उनके सिफारिशों पर अमल तभी होता था जब केबिनेट सचिव उस पर अपनी हामी भर देते थे। अपनी उपेक्षा से बसपा विधायकों में नाराजगी थी। सोमवार को उम्मीदवारों के नाम पर सहमति लेने के लिए जब बसपा मुख्यालय में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई गई तो विधायकों ने शशांक शेखर सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने पर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी ने गद्दी पर रहते उन लोगों की नहीं सुनी, उसे कैसे राज्यसभा के लिए वोट करा जा सकता है।