फर्रुखाबाद: पुलिस थाने कोतवाली में जहां आम आदमी के लिये किसी मामले में एफआईआर लिखाना किसी जंग को जीत लेने जैसा कठिन काम होता है वही मामला खुद पुलिस का या उच्चाधिकारियों का हो तो एक ही मामले में दो-दो एफआईआर भी कितनी आसानी से हो जाती हैं, इसकी एक बानगी यहां प्रस्तुत है। विगत 27 फरवरी को मुखबिर की सूचना के बाद सिटी मजिस्ट्रेट के छापे में बरामद 81 गैस सिलिंडरों के मामले में गैस एजेंसी संचाल के पिता की गिरफ्तारी के लिये पुलिस ने एफआईआर ही बदल डाली।
पिछले दिनों जय भैरव गैस सर्विस के कुछ गैस सिलिंडर हरभगत के एक मोहल्ले में पकडे गए थे। पूर्ती निरीक्षक बिंद्रा प्रसाद ने इस मामले में एजेंसी संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुक़दमे की भनक लगी तो एजेंसी संचालक राजू शिवानी मौके से खिसक गया। इस मामले में कोतवाली फर्रुखाबाद में मुकदमा संख्या 94/12 दिनांक 27-2-12 दर्ज हुआ। इसमें दो हाकरों के साथ एजेंसी संचालक को अभियुक्त बनाया गया था। बाद में मुक़दमे की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतियाँ फाड़ दी गयीं। लेकिन पुलिस की छापेमारी में हत्थे लगे राजू शिवानी के पिता। अब राजू के पिता को गिरफ्तार दिखाना था इसलिए पहले वाली रिपोर्ट को हटाकर दूसरी रिपोर्ट लिख दी गयी। जिसमे जय भैरव गैस एजेंसी के संचालक और उसके पिता को अभियुक्त बनाया गया है।
जेएनआई के हाथ दोने ऍफ़आईआर की प्रतियाँ लग गयी हैं। जिन्हें देखकर पुलिस की कारस्तानी समझी जा सकती है और जाना जा सकता है कि पुलिस क्या नहीं कर सकती। और क्या- क्या होता है।