गन्ना किसानों के हंगामें के बाद आनन-फानन में चालू हुई चीनी मिल

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कायमगंज (फर्रुखाबाद): कायमगंज सहकारी चीनी मिल गेट पर गन्ने का अम्बार लगा है। किसान एक-एक सप्ताह तक गन्ना लदी बैलगाड़ियों व टै्रक्टर ट्रालियों के साथ मिल गेट पर डेरा डाले रहते हैं, किन्तु उनके गन्ने की तौल का नम्बर ही नहीं आता। विभिन्न तकनीकी बाधाओं से रुक-रुककर चल रही चीनी मिल में गन्ना खरीद प्रभावित होने से परेशान किसानों ने गुरुवार को हंगामा करते हुए मिल के जीएम का घेराव किया। घेराव होते ही आनन-फानन मिल चला दी गयी। किसानों ने मिल प्रबंधन पर शोषण, घटतौली, दलालों की सक्रियता, पर्ची वितरण में धांधली के आरोप लगाये।

बताते चलें कि साढ़े 12 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई क्षमता वाली चीनी मिल की मशीनरी इतनी जर्जर हो चुकी है कि निर्धारित मात्रा में भी गन्ना पेराई नहीं कर पा रही।

तीन दिनों से मिल में उत्पादन कार्य ठप होने से परेशान किसान हंगामा करते हुए मिल परिसर में घुस गये। वहां कोई जिम्मेदार अधिकारी न मिलने पर किसान मुख्य गन्ना अधिकारी ज्ञान सिंह यादव के आवास पर पहुंच गये। हंगामे की सूचना मिलते ही जीएम डीएस गहलोत मिल में पहुंचे। जहां किसानों ने उन्हें घेरकर अपनी समस्याओं की झड़ी लगा दी। गांव राजेपुर कुटरा के पिंटू, गढि़या जगन्नाथ के राजीव कुमार, भकुसा के पप्पू, सिकन्दरपुर तिहैया के बंटू, जयकिशन नगला के गिरीश, गंडुआ के रामप्रकाश, अहमदगंज के कमलेश चतुर्वेदी, सूखा नगला के राजेश राजपूत आदि किसानों ने बताया कि पहले तो उन्हें मुश्किल से पर्ची मिली। पर्ची के आधार पर गन्ना लेकर आये तो 5-6 दिनों से यहीं खुले आसमान के नीचे गन्ना लेकर पड़े हुए हैं। दलाल किस्म के लोग पर्ची भी पा जाते हैं तथा उनका गन्ना भी पहले ले लिया जाता है। किसानों ने आरोप लगाया कि ट्राली व बैलगाड़ी से गन्ना की तौल में घटतौली की जाती है। खेतों में गन्ना पड़ा सूख रहा है। किन्तु पर्ची नहीं मिल पा रही। गन्ना आपूर्ति न होने से अगली फसल की तैयारी भी नहीं हो पा रही है। किसानों ने बताया कि इस बार सीजन में जितनी अधिक बार मिल बंद हुई उतनी पहले कभी नहीं हुई। मौजूदा सीजन में लगभग 90 दिन मिल चल चुकी है। जिसमें लगभग 230 घंटे विभिन्न बंदियों जैसे मशीन खराबी, मशीन सफाई, नोकेन आदि से निकल गये। किसानों के हंगामे पर जीएम ने सक्रियता दर्शाते हुए तत्काल मिल चलवायी।

साढ़े 12 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई क्षमता वाली चीनी मिल की मशीनरी इतनी जर्जर हो चुकी है कि निर्धारित मात्रा में भी गन्ना पेराई नहीं कर पा रही। चीनी मिल के जीएम डीएस गहलोत व चीफ इंजीनियर मनोज कुमार के अनुसार 110 तकनीकी कर्मचारियों की जगह केवल 48 कर्मचारी मिल चला रहे हैं। पुरानी जर्जर मशीनरी के बावजूद मिल चलायी जा रही है। बेहद कम क्षमता की मिल के कारण एक साथ सभी किसानो का गन्ना नहीं पेरा जा सकता। जीएम ने बताया कि 3 दिनों में बायलर की खराबी के साथ-साथ मिल हाउस के स्क्रेपर में खराबी के कारण समस्या उत्पन्न हुई। खराबी के दौरान मशीनों की सफाई काफीकुछ हो गई है।