धड़ल्ले से चारे में बेचा जा रहा है गर्भवती महिलाओं और बच्चों का आहार

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कमालगंज (फर्रुखाबाद): प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी किसी तरीके के कोई देखरेख नहीं की जा रही है। कमालगंज बाल विकास परियोजना कार्यालय में लगभग 275 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। कार्यालय द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से धन उगाही करके पंजीरी उठा दी जाती है। किसी भी गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है।

कमालगंज बाल विकास परियोजना कार्यालय से पंजीरी ले जाकर माफियाओं के हाथ बेची जाती है। जिसका दाम माफिया द्वारा लगभग 200 रुपये प्रति बोरी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को मिलता है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के बारे में जब सुपरवाइजर संगीता, पुष्पा कुशवाह, मीना सिंह, अर्चना से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि काम अधिक होने से कहीं देख ही नहीं पाते हैं। इसलिए केन्द्र की जांच नहीं हो पाती है।

 

 

 

 

एक केन्द्र पर 17 से 24 बोरी दी जाती हैं। जिसमें सिर्फ इतना जरूर है कि पोलियो दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री पंजीरी की एक बोरी रखकर बच्चों की हथेली पर रखकर टरका दिया जाता है।
आज सोमवार को पंजीरी के उठान के समय जब जेएनआई रिपोर्टर पहुंचे तो देखा कि वहां पर माफिया चक्कर लगा रहे हैं। यहीं पर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से सैटिंग करके टेंपो से सीधा गोदामों में पहुंचा दी जाती है। वहां से डेरी व जानवरों को खिलाने के लिए सीधी विक्री कर दी जाती है।
वहीं कमालगंज सीडीपीओ शैलश्रीवास्तव के पास राजेपुर व कमालगंज दो जगह चार्ज होने से आज कमालगंज में नहीं थी।