बेबफाई और कर्जे के टेंसन में नशेडी कम्पाउंडर फाँसी पर लटका

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फर्रुखाबादः कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला ग्वालटोली निवासी राजू पुत्र राजपाल बाथम ने बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण कर्ज में डूबना बताया जा रहा है। कुछ लोग पत्नी पर शक करना भी कारण मान रहे हैं। पत्नी मंजू घर से भाग गयी थी लेकिन फिर वापस आ गयी।

मंजू के अनुसार बीती रात राजू ने हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्सन इस्तेमाल किया वह एक्सपायर हो चुका था। विवाद के कारण राजू की पत्नी मंजू बच्चों सहित राजू को घर में अकेला छोड़कर पड़ोसी के घर में बैठ गयी। इसी बीच राजू ने दुपट्टे से  फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लौटकर देखा तो पति लटकते मिले। चीखपुकार करने पर मोहल्ले के लोग आ गये। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया है।

राजू बहुत ही बड़े किस्म का नशेबाज था। वह हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्सन का इस्तेमाल भी करता था। नशे की इस आदत से उसकी पत्नी व बच्चे काफी परेशान रहते थे। उसने कई जगह से कर्ज भी ले रखा था। सूदखोर आये दिन घर पर पैसे वसूली के लिए आते थे।

राजू की पत्नी मंजू ने बताया कि राजू डा0 विशाल के यहां कम्पाउंडर का काम करता था। उसके बाद वह आवास विकास स्थित डा0 जे एम वर्मा के क्लीनिक पर काम करने लगा। बीते एक महीने से अधिक का समय से राजू ने वहां भी नौकरी छोड़ दी थी। मृतक राजू के मौसी के लड़के गोविंद ने बताया कि राजू ने हाथरस से प्रेम विवाह किया था। राजू के एक 6 वर्ष की लड़की माही व एक 3 साल का लड़का मानव है।

गोविंद ने बताया कि राजू मूल रूप से जिला जेल चौराहा का निवासी था। उसने अपना पैत्रक मकान बेचकर जो रकम मिली उसको भी नशे में खर्च कर दिया। राजू व पत्नी में आये दिन काम को लेकर झगड़ होता रहता था। मंजू ने बताया कि झगड़े की प्रमुख जड़ मैं ही थी। राजू कहीं काम करने नहीं जाता था। जब घर में बच्चों को खिलाने के लिए दो दाने नहीं बचे तो मजबूरन मुझे प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करनी पड़ी। इस बात का भी राजू ने घोर विरोध किया। जिसको लेकर आये दिन राजू अपनी पत्नी को गलत नजर से देखता था। राजू का आरोप था कि मंजू किसी और के साथ घूमती-फिरती है।

राजू के पिता स्व राजपाल बाथम की भी बीते 12 वर्ष पूर्व जहर खाने से मौत हुई थी। जिसमें खुद राजू की मां का हाथ बताया गया था। वह जिला जेल चौराहे पर दूध का काम करते थे। इसी प्रकार राजू के भाई रिंकू ने भी सल्फास खाकर आत्महत्या की थी। राजू चार भाई बहन थे।