सोते रहे गणतंत्र के भावी प्रहरी, झंडा तो दूर चुनाव कार्यालयों पर ताले

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फर्रुखाबाद: गणतंत्र दिवस की सुबह हमने अपने गणतंत्र के भावी प्रहरी होने की दावेदारी करते फिर रहे नेताओं के कार्यालय पर जाकर देखा तो काफी निराशाजनक हैरानी हुई। इन कार्यालयों पर झंडारोहण करना तो दूर अधिकांश पर ताले लटकते मिले।

जहाँ एक तरफ पूरे देश में 63वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा था देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लालकिले पर झंडा फहराकर देश को संबोधित कर रहे थे उस दौरान हमने जब विधान सभा चुनाव के एक प्रत्यशी के पास फ़ोन लगाया और पूंछा कि आज सुबह क्या कार्यक्रम होगा तो प्रत्याशी महोदय जमाई लेते हुए बोले कि आज कोई ख़ास दिन है क्या इस पर आश्चर्य नहीं तो और क्या करेंगे| हमने सोचा चलकर देखते है कि बाकी प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालयों पर क्या रौनक है, तो पता चला कि अधिकांश पर झंडारोहण तो दूर ताले लटक रहे हैं।

देश की विधान सभा में बैठने का सपना देखने वाले प्रत्याशी जब गणतंत्र दिवस ही भूल गए तो जीतने के बाद जन समस्याएं क्या ख़ाक याद रहेंगी| ज्यादातर चुनाव कार्यालयों पर ताला पड़ा था और जो एक दो खुले भी थे उनपर प्रत्याशी के समर्थक अखबार पकड़कर समय व्यतीत करते देखे गये।