नामांकन दाखिल करने को नामांकन के साथ ई-मेल आईडी भी देनी पड़ेगी

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प्रचार ही नहीं प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने की भी वीडियोग्राफी होगी। प्रत्याशियों को अपने साथ प्रस्तावकों के नाम वाली मतदाता सूची, फोन नंबर व ई-मेल आईडी भी देनी पड़ेगी। नामांकन के समय प्रस्तावक भी उपस्थित रहेंगे। प्रस्तावक उसी विधानसभा क्षेत्र के होंगे जहां के लिए प्रत्याशी नामांकन करेगा। नामांकन अधिकतम चार सेट में ही स्वीकार किए जाएंगे। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रत्याशियों को नामांकन के साथ तहसील से जारी जाति प्रमाण भी देना पड़ेगा। विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान ऐसी महत्वपूर्ण पहलुओं व निर्देशों की जानकारी देने के लिए गुरुवार को पूरे दिन रिटर्निंग ऑफीसर्स (आरओ) की क्लास चली। उन्हें विशेषज्ञों ने पूरी प्रक्रिया के दौरान की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी दी।

राजस्व परिषद मुख्यालय के सभागार में लखनऊ सहित दस जनपदों के 56 आरओ से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त विशेष प्रेक्षक एवं बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार राकेश भी रुबरू हुए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रिटर्निंग आफीसर्स की है। उन्हें ही चुनाव की सारी प्रक्रिया संपन्न करानी है। आयोग इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता सहन नहीं करेगा। इसलिए आरओ बिंदुवार सारी तैयारी कर लें और अपने दायित्वों की पूरी जानकारी कर लें। उन्होंने आरओ को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर नवीनतम आदेशों को देखते रहने सहित अपनी हस्त पुस्तिका व पीठासीन अधिकारियों की हस्त पुस्तिका का अध्ययन करने की सलाह दी। आरओ नामांकन के लिए आवश्यक सभी प्रपत्र लेने के साथ प्रतिदिन शाम को नामांकन की सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी को देंगे। सुधीर कुमार ने आरओ को अपने विधानसभा क्षेत्र में होने वाली हर महत्वपूर्ण घटना की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए।

प्रभारी अधिकारी ने आरओ को पोस्टल बैलेट के बारे में बताया कि जिन सर्विस वोटर्स को पोस्टल बैलेट भेजे जाएंगे उनके नाम के सामने मतदाता सूची में पीबी अंकित किया जाएगा। पोस्टल बैलेट निर्धारित अवधि में संबंधित वोटर्स को डिस्पैच कर दें।