कुंवारे रह जाएंगे पौने चार करोड़ युवा

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ये आंकड़े समाज को चौंकाने के साथ-साथ भविष्य में इस ओर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता जता रहे हैं, क्योंकि वर्तमान जनगणना अनुसार देश में 1000 पुरूषों के पीछे 940 महिलाएं हैं और इस लिंगानुपातनुसार 1000 पुरूषों में से 60 पुरूषों को बिना शादी के ही रहना पड़ेगा। यदि देश की कुल आबादी का विश्लेषण किया जाएगा तो इनमें से 3 करोड़ 72 लाख 55 हजार 77 व्यक्तियों को बिना दुल्हन के जिंदगी व्यतीत करनी पड़ेगी, क्योंकि देश की कुल आबादी एक अरब 21 करोड़ एक लाख 93 हजार 422 है, जिसमेंं 62 करोड़ 37 लाख 24 हजार 248 पुरूषों के पीछे 58 करोड़ 64 लाख 69 हजार 174 महिलाएं हैं। सरकार तो भविष्य की इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए तैयार व जागरूक है तथा इस दिशा में भरसक प्रयास भी कर रही है, परन्तु कोई भी सामाजिक समस्या जन मानस के सहयोग के बिना केवल नीति या कानून बनाकर हल नहीं की जा सकती।

इस दिशा में हरियाणा सरकार द्वारा लड़कियों के हितों में चलाई जा रही कल्याणकारी नीतियों व कन्या भ्रूण हत्या रोक बारे चलाए गये जन जागरण अभियान की बदौलत वर्तमान जनगणना अनुसार प्रदेश का लिंगानुपात 861 से बढ़कर 877 हुआ है, वहीं आदमी की सोच में आया बदलाव भी लिंगानुपात सुधार में एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। यदि हम हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात की बात करें तो प्रदेश की कुल 2 करोड़ 53 लाख 53 हजार 91 की आबादी में से 16 लाख 57 हजार 179 व्यक्तियों को भी बगैर शादी के ही रहना होगा। यदि जिला वाईज लिंगानुपात के इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए

तो पंचकूला के 37 हजार 948, अंबाला के 71 हजार 304, यमुनानगर के 79 हजार 440, कुरूक्षेत्र के 56 हजार 509, कैथल के 68 हजार 329, करनाल के 91 हजार 357, पानीपत के 89 हजार 937, सोनीपत के एक लाख 17 हजार 816, जींद के 92 हजार 546, फतेहाबाद के 48 हजार 146, सिरसा के 71 हजार 377, हिसार के एक लाख 20 हजार 255, भिवानी के एक लाख 123, रोहतक के 74 हजार 733, झज्जर के 71 हजार 699, महेन्द्रगढ़ के 51 हजार 426, रिवाड़ी के 38 हजार 379, गुडग़ांव के एक लाख 20 हजार 463, मेवात के 54 हजार 554, फरीदाबाद के एक लाख 24 हजार 110 तथा पलवल के 66 हजार 915 युवकों को सेहरा बांधने व घुड़चढी का अवसर प्राप्त नहीं होगा, क्योंकि उक्त जिलों में लड़कों की संख्या लड़कियों की अपेक्षा ज्यादा है।