10-10 हजार रुपये लेकर नेताओ की गाँव में सभाएं करा रहे प्रधान

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फर्रुखाबाद: खबर है की अमृतपुर विधानसभा में शिक्षा माफिया के लेवल से नेता बनने के चस्के में एक नेता गाँव गाँव अपनी मीटिंग कराने के लिए प्रधानो और प्रभावशाली लोगो को 10-10 हजार रुपये देकर अपने लिए जनसम्पर्क सभा आयोजित करा रहे हैं| नेता जी को एक पार्टी से टिकेट भी मिल गया है| रिश्तेदारों की राजनीति की ऊँचाइया देख शिक्षा का व्यापार करने वाले जनाब विधानसभा में जाना चाहते है| घर में दौलत की कमी नहीं है इसलिए शहर के तमाम युवा भी चका चौंध में डूब बहती गंगा में हाथ धो रहे है| पैसे लेकर मीटिंग की चर्चा भी ऐसे ही बाहर नहीं आई, प्रत्याशी के लिए मीटिंग लगाने वाले बिचौलिए समर्थक ने प्रधान जी के 3 हजार मार दिए तो बात खुल कर बाहर आ गयी| मीटिंग अमृतपुर विधानसभा के राजेपुर क्षेत्र के पूर्वी इलाके के एक ब्रह्मण बाहुल्य गाँव में लगी थी| गजब तो तब हो गया जब खबर ये निकली कि प्रधान जी ने दूसरी पार्टी के नेता की मीटिंग का भी बयाना ले लिया है |

सामाजिक राजनीति का आर्थिक रूप अब गाँव गाँव पहुच चुका है| यूपी के चुनाव में रिज़र्व बैंक ने नेताओ द्वारा 10 हजार करोड़ की रकम खर्च करने का आंकलन किया गया है| अन्ना से लेकर चुनाव आयोग तक के माथे पर बल पड़ चुका है| एक एक प्रत्याशी विधानसभा चुनाव में कई कई करोड़ खर्च करने के लिए बजट बना चुका है| सड़को पर लगने वाले बिल्ला बैनर होल्डिंग पर नेताओ की सजावट पर अंकुश लगा भले ही चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया हो मगर नेताओ के पैसे खर्च करने और कराने के नए तरीके निकल आये है|

बड़ा नेता बड़े पैसे, छोटा नेता छोटे पैसे| यूपी के चुनाव में समर्थक से लेकर नारे लगाने वाले बिमा पैसे के उपलब्ध नहीं है| नेताओ और पार्टी के प्रति भक्ति और आस्था तो कबकी गायब हो चुकी है| झंडा बैनर से लेकर नारे लगाने के पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं| कार्यकर्ता को सुबह का नास्ता, दोपहर का लंच, रात की दवा और पालक पनीर से लेकर पॉकेट मनी मुहैया करानी पड़ रही है|