बाहुबलियों से किया दलों ने किनारा: विजय, संजीव, कुलदीप व नागेंद्र टिकट से महरूम

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फर्रुखाबादः भ्रष्टाचार मुक्त व स्वच्छ राजनीति की दिशा में किये गये अन्ना के प्रयास हो सकता है फ्लाप होते दिख रहे हों परन्तु इतना असर तो हुआ ही कि राजनैतिक दलों ने दागियों से अपना दामन बचाने का भरसक प्रयास किया। यही कारण है कि जनपद की चारो विधानसभा सीटों में से किसी पर भी किसी भी राजनैतिक दल ने किसी दागी को टिकट नहीं दिया। विगत विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे विजय सिंह, संजीव मिश्रा, कुलदीप गंगवार व नागेंद्र सिंह को टिकट से महरूम कर दिया गया। हद तो यह है कि प्रांशुदत्त द्विवेदी ने जिस पार्टी विचारधारा के समर्थन में आंदोलन कर रासुका तक झेली आखिर रासुका तो कट गयी परंतु आंदोलन के दौरान लगे अन्य मुकदमों की चार्जशीट उनका टिकट खा गयी।

विधानसभा चुनाव में इस बार किसी भी राष्ट्रीय या प्रादेशिक राजनैतिक दल ने किसी बाहुबली, दागी या अपराधिक इतिहास के किसी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने की हिम्मत नहीं दिखायी। विगत विधानसभा चुनाव में जहां विजय सिंह, संजीव मिश्रा, कुलदीप गंगवार, नागेंद्र सिंह जैसे प्रत्याशियों को पंजीकृत राजनैतिक दलों ने अपना प्रत्याशी बनाया था वहीं इस बार एक आरती निकलने के मार्ग को लेकर किये गये आंदोलन में रासुका तक झेल चुके प्रांशुदत्त द्विवेदी तक को टिकट नसीब नहीं हुई।

बाहुबली विधायक विजय सिंह को जहां कांग्रेस, बसपा व सपा तीनो ही अपना प्रत्याशी बना चुकी हैं इस बार उनको किसी भी राजनैतिक दल ने नहीं पूछा। उन्होंने अब पीला झण्डा उठाकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव प्रचार जोरशोर से शुरू कर दिया है। इसी प्रकार बसपा से निष्कासन के बावजूद एक अन्य बाहुबली को अंतिम समय तक नगर क्षे़त्र से टिकट मिलने की अटकलें आखिर अफवाह ही साबित होकर रह गयीं। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र अमृतपुर से पूर्व घोषित प्रत्याशी कुलदीप गंगवार का भी टिकट कट गया। यद्यपि बसपा के सूत्र इसे जातीय आंकड़ों के आधार पर किये गये निर्णय के तौर पर देख रहे हैं।