बैंक मे ही हो रहा गबन: सचिव की शिकायत के दस माह बाद खाते में चढ़े दो लाख

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फर्रुखाबाद: सहकारिता के क्षेत्र में मनमानी का आलम यह है कि समितियों के खातों में जमा होने वाला लाखों रुपया दस-दस माह तक लेजर पर चढ़ने के बजाय लोगों की जेबें गर्म करता रहता है। यही कारण है कि अधिकांश सहकारी समितियां की वित्तीय स्थिति डांवाडोल है। ताजा मामला विकास खंड कमालगंज की साधन सहकारी समिति बलीपुर का है। समिति के खाते में विगत 3 फरवरी को सचिव द्वारा नगद जमा किये गये 1 लाख 95 हजार रुपये काफी शिकायतों के बाद 16 नवंबर को कैश के स्थान पर क्रास इंट्री से चढ़ाये गये।

साधन सहकारी समिति के सचिव अवधेश कुमार चतुर्वेदी ने विगत 3 फरवरी 2011 को 1 लाख 95 हजार 600 रुपये नगद समिति के खाते में जमा करने के बैंक में दिये गये, जिसकी प्राप्ति रसीद भी सचिव को दी गयी। परंतु काफी दिनों तक यह धनराशि जब समिति के खाते में ट्रांसफर नहीं हुई व खाद के लिये समिति का गुड फार पेमेंट चेक लौट गया तब सचिव ने इसकी शिकायत बैंक शाखा कमालगंज के शाखा प्रबंधक से की। शिकायत के बाद भी जब हल नहीं निकला तो वरिष्ठ अधिकारियों से की गयी। आखिर महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने मामले की गोपनीय जांच उप महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी से करायी गयी। जांच में शिकायत के तथ्यों की पुष्टि के बाद शाखा प्रबंधक सूरज सिंह यादव के विरुद्ध कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है। सचिव के पिता ने जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र में कहा गया है कि गबन में असफल रहने के बाद अब शाखा प्रबंधक द्वारा अब उनके पुत्र के विरुद्ध षडयंत्र रचने व जानमाल का नुकासन पहुंचाने की परोक्ष अपरोक्ष रुप से धमकियां दी जा रही हैं।

जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में शाखा प्रबंधक के स्तर पर अनियमितता की पुष्ट हो गयी है। कार्रवाई का निर्णय प्रशासनिक समिति द्वारा किया जायेगा।