एनआरएचएम घोटाला : कैग टीम की जाँच पूरी, जनवरी में होगी सार्वजनिक

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लखनऊ : कैग जाँच रिपोर्ट से जुडी जो भी खबरे सूत्रों से मिल रही हैं उनके आने के बाद उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के घोटालो की परते खुलने लगी हैं | सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में एनआरएचएम के अंतर्गत मिली बड़ी धनराशी का जमकर दुरपयोग हुआ है| सूत्रों का ये भी कहना है की जनवरी में जब रिपोर्ट सार्वजनिक होगी तब प्रदेश के कई सफेदपोश नंगे होंगे |

जाँच टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य सोसाईटी में केंद्र सरकार से जो बढ़ी धनराशी मिली थी उसे सही से प्रबंधित नहीं किया गया था | इस धनराशी में से 358 करोड़ का बड़ा अंतर सामने आया जिस पर तर्क दिया गया कि ये धनराशी एक साथ नहीं अलग मदों में राज्य स्वास्थ्य सोसाईटी को मिली थी |

इस से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम,कुष्ठ रोग ,बधिर निवारण कार्यक्रम,इंट्रीग्रेटेड डिज़ीज़ सर्विलांस सहित और भी अन्य कार्यक्रम चलने थे | इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा दिए गए 6881 करोड़ जैसी बड़ी रकम से 1768 करोड़ रुपये भी राज्य स्वास्थ्य सोसाईटी के खातो में न मिलने पर जब कैग ने जवाब माँगा तब पता चला की ये पैसा शासकीय कोषागार से प्रतिपूर्ति में मिले थे |

अब आप को बताते है की जो पैसा प्रदेश के गरीबो में स्वास्थ सुविधाओ के विकास के लिए खर्च होना था उसका क्या हुआ |

प्रदेश के 139 अस्पतालों में 42 करोड़ से लगा पानी सफाई का संयंत्र सही तरीके से नहीं लगा यही नहीं जिस कंपनी के पास ठेका था वो भी कई अस्पतालों में आधा अधूरा काम कर भाग कड़ी हुई |
यूनाप्स लिमिटेड नामक कंपनी को 82 लाख रुपये बिना किसी काम को करे ही अग्रिम में दे दिया गया | इस कंपनी को अस्पतालों में मेडिकल उपकरण,दवाओ की सप्लाई करनी थी | लेकिन कंपनी से आधी अधूरी सप्लाई हुई थी | इसके बाद कंपनी से बाकि रकम दबा ली,मामला उछला तब जाकर यूनाप्स ने 39 लाख रुपये वापस किये |

जननी सुरक्षा योजना का रूपया कई जिलो में विभाग के बड़े अधिकारियो ने अपने खातो में थी डाल लिया| पूरे प्रदेश में इस योजना के नाम पर घपलेबाजी हुई कई पैसा नही दिया,कहीं नगद दिया और कहीं इस का कोई रिकार्ड ही नहीं है | आप को बता दें इस योजना के अंतर्गत प्रसूता को 1400 रुपये का भुगतान किया जाता है |

अन्धता निवारण के अंतर्गत होने वाले आपरेशन में जो लेंस प्रयुक्त होता है उसे ख़रीदा ही नहीं गया | यहीं नहीं विद्यालयों में शिक्षा लेने वाले बच्चो के लिए एक ही नंबर के चश्मे ख़रीदे और इनका भुगतान किया एक करोड़ का |

सफाई करने के नाम पर मुंबई की एक कंपनी को तीन करोड़ दे दिए इस में रोचक बात ये है कि आधा कम करने के बाद कंपनी को ठेका दिया ही नहीं गया |कंपनी ने बाद में कोई काम नहीं किया |
प्रदेश के सभी जिलो में जिला और महिला अस्पताल में आधुनिक आपरेशन थियेटर बनाने के नाम पर 89 करोड़ का अग्रिम भुगतान किया गया |ये मामला पर्दाफाश ने प्रमुखता से उठाया था |
इन सबके साथ यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल कारपोरेशन ने बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर दवाये,सल्यूशन और ग्लब्स की खरीद की इसमें साढ़े पांच करोड़ रूपया खर्च हुआ जिसे बाद में परिवार कल्याण निदेशालय ने रद्द कर दिया | और इस तरह साढ़े पांच करोड़ रूपया खर्च कर ख़रीदा गया ये सामान बर्बाद हो गया |

कैग रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि प्रदेश में सीएचसी-पीएचसी निर्माण में अरबो रुपये का घोटाला हुआ है |नियमो और निर्माण मानकों को ताख पर रख बेतरतीब तरीके से इनका निर्माण हुआ जिस वजह से इनमे से कई दबंगों के कब्जे में हैं,कई पर ताला लटका है कहीं थाने चल रहे हैं |इन के निर्माण में एक बात और सामने आयी है और वी ये है कि इनका टेंडर ही नहीं हुआ |बिना टेंडर के मनमाफिक तरीके से इनका निर्माण किया गया है |

सूत्रों का कहना है कि टीम को प्रदेश में दवाओ की खरीद में भी घोटाला नज़र आ गया है |टीम को शक है की ज़रूरत से कहीं ज्यादा खरीद हुई |एक्सपायरी डेट की दवाओ के खरीद का मामला भी सामने आया है |

सूत्रों का कहना है कि कैग टीम प्रदेश में फोटोग्राफी भी कर रही थी |रिपोर्ट को शनिवार देर रात तक अंतिम रूप दिया जाता रहा है|अब इस का हिंदी अनुवाद होगा उसके बाद 26 दिसंबर को टीम अपनी रिपोर्ट देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को देगी |

फिलहाल इस रिपोर्ट के सार्वजानिक होने के लिए हमें जनवरी 2012 तक इंतजार करना पड़ेगा |