सिपाही की हत्या में बसपा नेता से पूछतांछ, पिस्टल पर रहस्य

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फर्रुखाबाद: कोतवाली मोहम्मदाबाद के अंतर्गत आने वाली पखना चौकी के इंचार्ज दरोगा बनी सिंह व सिपाही रामवीर पर विगत शनिवार को हुई फायरिंग में सिपाही की मौत के पांच दिन बाद भी अभी तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है और न ही दरोगा की लूटी गयी पिस्टल व मोबाइल का पता चला है। क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन लोगों से पूछतांछ चल रही है। पता चला है कि इस मामले में ग्राम बिहार निवासी एक बसपा नेता की पहचान मुख्य अभियुक्त के तौर पर की गयी है। कुछ दिन पूर्व जमीन पर कब्जे को लेकर इसका दरोगा से विवाद हो गया था। दरोगा की लूटी गयी पिस्टल, मोबाइल व 25 हजार रुपये की बरामदगी को लेकर भी रहस्य बना हुआ है।

विदित है कि कोतवाली मोहम्मदाबाद के अंतर्गत आने वाली पखना चौकी के इंचार्ज उपनिरीक्षक बनी सिंह शनिवार सांयकाल हमराह सिपाही रामवीर के साथ अपनी मोटर साइकिल पर गश्त के लिये निकले थे। कटिन्ना व बिहार गांव के बीच सुनसान स्थान पर रास्ते के किनारे खड़ी पतेल में पहले से घात लगाये बैठे बदमाशों ने मोटर साइकिल करीब आने पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में बनी सिंह व रामवीर दोनों घायल होकर गिर पड़े। बदमाश चौकी इंचार्ज बनी सिंह की सर्विस रिवाल्वर व मोबाइल छीन कर मौके से फरार हो गये थे।

घटना के चार दिन बाद भी अभी खुलास नहीं हुआ है। इस मामले में नौ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार ग्राम बिहार के एक बसपा नेता को घटना का मुख्य अभियुक्त माना जा रहा है। मंगलवार शाम पुलिस अधीक्षक ने भी इससे पूछतांछ की है। माना जा रहा है कि पुलिस घटना की तह तक तो पहुंच गयी है परंतु दरोगा की सर्विस पिस्टल, मोबाइल व लूटे गये 25 हजार रुपये की बरामदगी का पेंच फंस रहा है। हालांकि रुपये लूटने की बात तो एफआईआर में ही नहीं लिखी गयी। परंतु मुख्य पेंच सरकारी पिस्टल का है। बताया जाता है कि मामला एक जमीन पर कब्जे को लेकर एक स्थानीय बसपा नेता/कार्यकर्ता का दरोगा बनी सिंह से विवाद का है।