नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमैन डेवेलपमेंट स्टडी से हुए खुलासे के अनुसार बच्चों के शैशवास्था के दौरान और उनके स्कूल जाने से पहले के वर्षो के दौरान दिनभर घर में रहने वाली माताओं की तुलना में कामकाजी माताएं अधिक स्वस्थ व खुश रहती हैं। यह अध्ययन 1991 में ही शुरू कर दिया गया था। अध्ययन के दौरान 1,364 महिलाओं से बच्चों को जन्म देने के बाद बात की गई। अध्ययन एवं निरीक्षण करीब एक दशक तक चला।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना में मानव विकास एवं परिवार अध्ययन के प्रोफेसर व प्रमुख अध्ययनकर्ता चेरिल बुहलर के मुताबिक, बहुत से मामलों में अंशकालिक और पूर्णकालिक कामकाजी माताओं के स्वास्थ्य में कोई अंतर नहीं था।