सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ईमानदार व्यक्ति हैं, लेकिन वह रिमोट कंट्रोल से चलते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रभावी लोकपाल के समर्थन में एक जनवरी से जेल भरो अभियान शुरू करें.
एक कालेज के मैदान में जुटे लगभग 10,000 लोगों को सम्बोधित करते हुए अन्ना हजारे ने दोहराया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई युवाओं को करना चाहिए. उन्होंने कहा, “एक जनवरी से देश की सभी जेलों को भरा जाना चाहिए.” मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा, “वहां आपको नाश्ता और भोजन भी मिलेगा!”
बाद में उसी मैदान में मीडिया से बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ‘अच्छे और ईमानदार व्यक्ति हैं, लेकिन रिमोट कंट्रेल से चलते हैं’. वह स्वयं निर्णय लेकर कुछ नहीं बोलते. जनसभा में अन्ना हजारे शुरुआत में पांच मिनट तक हिंदी में बोले, लेकिन जब लोगों ने समझने में दिक्कत की शिकायत की, तब आयोजक उनके हर वक्तव्य का तमिल में अनुवाद करते रहे.
अन्ना हजारे ने कहा, “मुझे पता है कि तमिलनाडु में लोकायुक्त नहीं है.” अप्रैल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के बाद दक्षिण भारत के इस राज्य में पहली बार आए अन्ना हजारे ने हालांकि तमिलनाडु के राजनेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र नहीं किया.
उन्होंने दोहराया कि यदि प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ और उसके दायरे में सभी श्रेणी की नौकरशाही को शामिल नहीं किया गया तो वह नई दिल्ली में 27 दिसम्बर से अनशन शुरू करेंगे. उन्होंने लोगों से कहा, “मैं अनशन शुरू करूंगा और आप एक जनवरी से जेल भरो अभियान शुरू कीजिए.”
धन के लालच की भर्त्सना करते हुए उन्होंने कहा, “हम इस धरती पर खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ जाएंगे. यहां तक कि सिकंदर महान भी खाली हाथ मरा था.” उन्होंने कहा, “सभी सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए. खासकर समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में अवश्य लाना चाहिए, क्योंकि गरीबों का सामना उन्हीं से होता है.”
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दायरे में लाए बिना लोकपाल संस्था निर्थक साबित होगा.