निकाय चुनाव: आज जारी होगी चक्रानुक्रम आरक्षण नियमावली

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हाई कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव की अधिसूचना 19 दिसम्बर तक हर हाल में जारी किए जाने के सख्त निर्देशों से बचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है साथ ही चुनावी तैयारियों में तेजी भी ला दी है । इसके तहत शनिवार को वार्डों के आरक्षण की नियमावली जारी हो जाएगी। आरक्षण चक्रानुक्रम में होगा। इससे यह साफ हो गया है कि जो वार्ड पिछ ले निकाय चुनाव में सामान्य श्रेणी के थे उनमें से ज्यादातर इस बार आरक्षित हो जाएंगे।

प्रदेश सरकार ने शुक्रवार शाम को ही नियमावली को अंतिम रूप देते हुए जिलाधिकारियों को इसे भेजने की पूरी तैयारी कर ली थी। निकाय चुनाव आज जारी हो जाएगी नियमावली, रोटेशन बनेगा पैमाना ज्यादातर सामान्य वर्ग के वार्ड इस बार आरक्षित हो जाएंगे सबसे पहले अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित होंगे| पहले यह माना जा रहा था कि निकाय चुनाव के आरक्षण की नियमावली शुक्रवार को जारी हो जाएगी लेकिन कुछ तकनीकी मामलों पर विधि विभाग में मामला फंस गया तो देर रात तक यह जारी ही नहीं हो सकी।

इसके अब इसके शनिवार को जारी किए जाने की संभावना है । सरकार के आदेश के बाद जिलाधिकारी 15 दिनों में वार्डों के आर क्षण की सूची शासन को भेजेंगे। शासन उन्हें संशोधित करेगा फिर उसकी अनंतिम अधिसूचना प्रकाशित करेगा और आपत्तियां मांगेगा। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। सरकार ने वार्डों के आरक्षण की जो नियमावली बनाई है उसके अनुसार वार्डों का आरक्षण चक्रानुक्रम में होगा। अभी तक वार्डों का आरक्षण अवरोही और आरोही क्रम में किए जाने की व्यवस्था थी। यानी जो वार्ड पिछले चुनाव में आरक्षित श्रेणी में था इस बार वह दूसरे वर्ग के लिए रिक्त कर दिया जाएगा। नगर निगम और निकाय चुनाव में 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए और दो प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए , 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े वर्ग के लिए और 33 प्रतिशत आरक्षण माहिलाओं के लिए किए जाने की व्यवस्था है|

अब चक्रानुक्रम आरक्षण में यह साफ हो गया है कि जो वार्ड पिछ ले चुनाव में सामान्य श्रेणी के थे वे किसी न किसी रूप में आरक्षण की श्रेणी में आ जाएंगे। ऐसे होगा आरक्षण जारी अधिसूचना के मुताबिक पहले नगर निगमों और निकायों में अनूसूचित जातियों की जनसंख्या के अनुसार नगर निगम के वार्डों को अवरोही क्रम में रखा जाएगा। फिर उसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण किया जाएगा। यानी अगर अनुसूचित जाति के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण होना है तो इस 21 प्रतिशत में 33 प्रतिशत अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण होगा।

आरक्षण की व्यवस्था में सबसे पह ले अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। फिर बचे हुए 67 प्रतिशत वार्डों को अवरोही क्रम मे रखकर अनुसूचित जाति के पुरु ष वर्ग लिए आरक्षित करने की व्यवस्था की जाएगी। यही व्यवस्था पिछड़े वर्ग के आरक्षण के लिए लागू की जाएगी। बचे हुए वार्डों में से 27 प्रतिशत अवरोही क्रम में इस वर्ग के लिए आरक्षित किए जाएंगे। फिर उसमें से 33 प्रतिशत पिछड़े वर्ग की महिलाओं को आरक्षित किए जाएंगे।

सबसे आखिर में सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण किया जाएगा। फिर बचे हुए वार्ड सामान्य वर्ग के लिए छोड़े जाएंगे। चक्रानुक्रम आरक्षण का आदेश होने के बाद जिन नगर निगमों में 110 वार्ड होंगे, वहां 23 सीटें अनुसूचित जाति श्रेणी के खाते में जाएंगी। इसकी 33 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए होंगी। इसी तरह 30 सीटें ओबीसी के खाते में जाएंगी। बचे हुए 57 वार्ड सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किए जाएंगे।