इलाहाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम में रोज ब रोज नई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। संशोधित परिणाम के बाद उन अभ्यर्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है जिन्होंने डुप्लीकेट प्रवेश पत्र के आधार पर परीक्षा दी थी। ऐसे अभ्यर्थियों में से लगभग 70 हजार की आपत्ति है कि बेवसाइट पर उनका पूरा अंकपत्र नहीं दिख रहा।
शिक्षक पद के लिए आवेदन इसी अंकपत्र के आधार पर किया जाना है लेकिन उनके अंकपत्र में रोलनंबर और अंक के सिवा कुछ नहीं है। न नाम न पिता का नाम और न ही श्रेणी के बारे में जानकारी। परेशान अभ्यर्थियों ने सोमवार को बोर्ड दफ्तर पर इसकी शिकायत की तो पहले उन्हें भगाने की कोशिशें हुईं, बाद में एक फॉर्म पर पूरा विवरण भरवाया गया। अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया कि गड़बड़ियां दूर हो जाएंगी लेकिन कब तक, इसका जवाब किसी के पास नहीं। अभ्यर्थियों का कहना है कि अंकपत्र में सुधार न होने तक वे आवेदन नहीं कर सकेंगे और किसी कारण वे शिक्षक चयन का फॉर्म भरने से वंचित रह गए तो बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ कॅरियर चौपट करने का मुकदमा दर्ज कराएंगे।
टीईटी के नए परिणाम ने बड़ी संख्या में सफल अभ्यर्थियों को जोर का झटका दे दिया है। कई अभ्यर्थी जो 25 नवंबर को जारी परिणाम में पास थे, दो दिसंबर को जारी नए परिणाम में फेल हो गए। मसलन राकेश पांडेय जिन्हें पहले परिणाम में 110 अंक मिले थे, नए परिणाम में केवल 52 अंक मिले। अभ्यर्थियों ने नए परिणाम की जांच की मांग उठाई।