फर्रुखाबाद: 1- जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे ने कहा शांति भंग करने वालो के खिलाफ माफिया मानते हुए कारवाही की जाए| अवैध कब्ज़ा करने वालों के खिलाफ भी माफियाओं जैसी कारवाही की जाये|
जनता का चटकारा- तो फिर माफियाओं पर कौन सी कारवाही होगी? बसपा जिलाध्यक्ष और उनकी ग्राम पंचायत के प्रधान के खिलाफ भी क्या माफियाओं जैसी कारवाही होगी| अख़बार में आज छपा है- बसपा जिलाध्यक्ष में पडोसी के खेत में सड़क बनबा दी?
2- जिलाधिकारी ने कहा- अपराधिक प्रवृति के लोगो जिन पर कई मुक़दमे दर्ज है उन पर कड़ी नजर रखी जाए और उन पर कड़ी कारवाही की जाये|
जनता का चटकारा- डीएम साहब नजर कैसे रखी जाए पहले इन पुलिस वालों को ये तो सिखा दो| इनकी नजरे तो जनता की जेब के रखे माल पर लगी रहती है|
4- एसपी ओ पी सागर ने कहा- सट्टा माफियाओं को चिन्हित करके गिरफ्तारी की कारवाही करे| इनामी बदमाश के खिलाफ कठोर कारवाही करे अन्यथा सम्बन्धित थानाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे|
जनता का चटकारा- एस पी साहब ने कितना आसन काम बताया- थानाध्यक्ष सटोरियो को फ़ोन करके गिरफ्तारी के लिए आदमी बुलवा लेंगे, यही तो परम्परा है| चिन्हित करने की क्या जरुरत है| थाने के मुंशी या थाने के सरकारी ड्राइवर के मोबाइल में सबके नंबर होते ही हैं| रही बात इनामी बदमाशो के खिलाफ कारवाही की तो इससे थानेदारो पर कोई फरक नहीं पड़ता| हो सकता है तबादले में कोई अधिक कमाई वाला थाना फस जाए|
5- एस पी साहब ने कहा- गाँव में संभ्रांत व्यक्तिओं से सम्पर्क से कर स्थिति का जायजा लेते रहे|
जनता का चटकारा- सभी थानेदारो ने प्रधान से सम्पर्क कर लिया है| जो घपलो घोटालो या किसी जुर्म में जेल में है उनसे जेल से बाहर आते ही सम्पर्क कर लिया जायेगा| आखिर ग्राम प्रधान से ज्यादा कौन सम्भ्रांत होता है? भले आदमी जो पुलिस की मदद (दलाली बगैरह) नहीं कर सकते कैसे सम्भ्रांत मान लें|
6- जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे ने आबकारी विभाग को जल्द लक्ष्य पूरा करने को कहा-
जनता का चटकारा- डी एम साहब जाड़े आ गए हैं खूब पी जाएगी| फिर भी अगर लक्ष्य पूरा न हो पाए तो कोई जबरदस्ती पिलाने का कानून बनबाने के लिए वजीरेथोक (इनके पास इतने मंत्र्यालय हैं की गिनती खुद उन्हें नहीं मालूम होंगे) माननीय नसीमुदीन सिद्दीकी को चिट्ठी लिखो|
7- जिलाधिकारी ने कहा- ए आर टी ओ को अवैध रूप से चलने वाले और ओवरलोडिंग के खिलाफ कारवाही के लिए निर्देशित किया|
जनता का चटकारा- अवैध वहां भले ही एआरटीओ बंद न कर पाए मगर आधी रात को सेंट्रल जेल चौराहे पर नियमित अवैध वसूली कर ये अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दे रहे है| चूर्ण चटनी में चौराहे पर तैनात पुलिस गस्त के सिपहिओ को भी कुछ मिल जाता है| रही बात अवैध वाहन और ओवरलोडिंग की तो आधे से ज्यादा वाहन इनके विभाग के सिपाहियों और उनके रिश्तेदारों के चलते हैं| लालगेट बस अड्डे फर्रुखाबाद के बाहर बाकायदा दफ्तर खोल कर सचालन होता है| कौन बंद करेगा इन्हें| दुबे जी आप भी बस….